CoronaVirus: बेकाबू हालात और मौत की बढ़ती संख्या की एडी हेल्थ और सीएमओ पर गिरी गाज
आइसोलेशन वार्ड कांटेक्ट ट्रैसिंग में रहे फेल। एसएन से समन्वयक नहीं कर सके स्थापित बिगडते गए हालात।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना बेकाबू होने और संक्रमित की मौत पर अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ एके मित्तल और सीएमओ डॉ मुकेश वत्स को हटा दिया गया। ये आइसोलेशन वार्ड, कांटेक्ट ट्रैसिंग, क्वारंटाइन सेंटर के साथ ही एसएन मेडिकल कॉलेज से समन्वयक स्थापित नहीं कर सके। इससे हालात बिगडते चले गए और कोरोना के केस लगातार बढते रहे।
दो मार्च को कोराना का पहला केस आया था, मार्च में 12 केस सामने आए। अप्रैल के प्रथम सप्ताह से ही जमातियों के कोरोना संक्रमित मिलने के साथ ही कोरोना के केस बढने लगे। इसके बाद भी कोरोना की रोकथाम, कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों की जांच और इलाज की व्यवस्थाओं को गंभीरता से नहीं लिया गया। एसएन इमरजेंसी, जिला अस्पताल और सीएचसी बरौली अहीर में आइसोलेशन वार्ड में मरीज भर्ती किए गए। मगर, मरीजों की संख्या बढने के बाद उन्हें भर्ती करने, जांच कराने के इंतजाम नहीं किए गए। अप्रैल के अंतिम सप्ताह से हालात बिगडते चले गए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी जिम्मेदारी से बचते रहे। इससे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 764 तक पहुंच चुकी है।
एसएन के आपरेशन की है दरकार, आइसोलेशन वार्ड में नहीं मिल रहा इलाज
एसएन मेडिकल कॉलेज में भी आपरेशन की दरकार है, यहां भी कार्रवाई से ही हालात सुधर सकते हैं। 100 बेड के आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर और जूनियर डॉक्टर जाने से बच रहे हैं। अप्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की डयूटी लगाई जा रही है, इससे वे कोरोना संक्रमित होने लगे हैं। एसएन में मार्च में डॉक्टरों ने अच्छा कार्य किया। मगर, मास्क, पीपीई किट की जगह उपकरण खरीद लिए गए, इससे जूनियर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ संक्रमित हो गया और डॉक्टर और जूनियर डॉक्टरों ने आइसोलेशन वार्ड में डयूटी से बचना शुरू कर दिया। एसएन में मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पीके माहेश्वरी को सस्पेंड करने के साथ ही बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ राजेश्वर दयाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा चुकी है। मगर, हालात नहीं सुधरे हैं, यहां 100 बेड का नया आइसोलेशन वार्ड तैयार नहीं हो पा रहा है।