Misdeed Case in Agra: आगरा के झरना नाला सामूहिक दुष्कर्म कांड के आरोपित को नहीं मिली जमानत
Misdeed Case in Agra एत्मादपुर हाईवे पर 29 मार्च को पति-पत्नी को जबरन जंगल में ले गए थे आरोपित। पति को बंधक बना उसके सामने पत्नी से किया था सामूहिक दुष्कर्म। आबरू लूटने के बाद मोबाइल और जेवरात लूट ले गए थे आरोपित।
आगरा, जागरण संवाददाता। एत्मादपुर के झरना नाला पर पति को बंधक बना उसके सामने पत्नी से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित को अदालत से जमानत नहीं मिल सकी। आरोपित देवेश उर्फ मोनू के अधिवक्त की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज करने के आदेश दिए।
घटना 29 मार्च को होली की शाम की है। एत्मादपुर इलाके की रहने वाली विवाहिता का मायका एत्माद्दौला क्षेत्र में है। वह बाइक पर अपने पति के साथ मायके आ रही थी। झरना नाले के पास एक बाइक पर सवार तीन युवकों ने उन्हें ओवरटेक कर लिया। पति-पत्नी को धमकी देकर जबरन अपने साथ झरना नाले के जंगल में ले गए। तीनों ने विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म का प्रयास किया। विरोध करने पर आरोपितों ने विवाहिता के पति को बंधक बनाकर उसके सामने डंडों से पीटा था। पति की हत्या करने की धमकी देकर तीनों आरोपितों ने विवाहिता के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। इसके बाद उसके जेवरात और पति का मोबाइल लूट लिया।
आरोपितों ने पति-पत्नी को धमकी देकर उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें भी अपने मोबाइल से खींच लीं। उन्हें सामूहिक दुष्कर्म मामले की जानकारी किसी को देने पर इन तस्वीरों को इंटरनेट मीडिया में सार्वजनिक करने की धमकी दे दी। पति-पत्नी उस समय अनहोनी की आशंका के चलते घर चले आए। अगले दिन उन्होंने छलेसर चौकी पर जाकर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी थी। पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म और लूट का मुकदमा अगले दिन दर्ज किया। पति को बंधक बना उसके सामने सामूहिक दुष्कर्म की घटना से लोगों में सनसनी फैल गई थी।
पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितेां गौरी शंकर उर्फ गौरी राजपूत, देवेंद्र उर्फ मोनू, योगेश को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।देवेंद्र उर्फ मोनू द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत प्रार्थना-पत्र अदालत में प्रस्तुत किया था। इस पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की आेर से जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता आदर्श चौधरी ने तर्क दिया कि आरोपित के पास से पुलिस ने लूट के रुपये, पीड़िता का पेंडिल बरामद किया गया था। उसके मोबाइल से पीड़िता के आपत्तिजनक फोटो भी बरामद किए थे। अभियोजन पक्ष के तर्क सुनने के बाद अपर जिला जज मोहम्मद असलम सिद्दिकी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र खारिज करने के आदेश दिए।