पानी गया पाताल, मोहब्बत की नगरी का बुराहाल, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
जलस्तर में 50 से बढ़कर 110 सेमी प्रति वर्ष की भयावह गिरावट दर्ज की गई है।
आगरा, संजीव जैन। बेंगलुरु और दिल्ली में 2020 तक पानी खत्म होने का अलार्म बज चुका है तो ताजनगरी आगरा भी इससे अछूती नहीं। देश में सबसे तेजी से ब्रज क्षेत्र के आगरा का भूजल गिर रहा है। जलस्तर में 50 से बढ़कर 110 सेमी प्रति वर्ष की भयावह गिरावट दर्ज की गई है। कई स्थानों पर बोरिंग तक फेल हो रही हैं।
40 पीजोमीटर ले रहे भूजल की थाह
भूजल विभाग ने हाल में आगरा का वर्ष जुलाई माह 2006-07 और जुलाई माह 2017 का तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया है। शहर में 40 से ज्यादा स्थानों पर लगाए गए पीजोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक 97 फीसद स्थानों पर भूजल में गिरावट दर्ज की गई है। प्री मानसून एवं पोस्ट मानसून के पैमाने पर भी भूजल में ज्यादा सुधार नहीं हुआ। विशेषज्ञों की मानें तो बारिश के बाद भूजल में कम से कम दो से तीन मीटर का सुधार होना चाहिए, जबकि आगरा शहर में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी गिरावट मिली। शहरी क्षेत्र में सड़क, फुटपाथ, फर्श, एवं पार्क तक कंकरीट बिछाने से 90 फीसद वर्षा जल व्यर्थ बह जाता है। रेनवाटर हारवेस्टिंग तकनीक के जरिए पानी बचाने पर भी अमल नहीं किया गया।
विकास खंडों में जलस्तर
ब्लॉक प्री मानसून पोस्ट मानसून
अछनेरा 17.39 18.38
अकोला 21.20 25.30
बरौली अहीर 79.93 82.36
बिचपुरी 31.10 35.25
एत्मादपुर 59.93 65.12
फतेहाबाद 39.35 45.23
जगनेर 28.20 35.35
खंदौली 39.73 65.35
खेरागढ़ 45.93 65.46
पिनाहट 37.20 48.12
सैंया 41.12 55.18
शमसाबाद 44.08 48.15
नोट : जलस्तर मीटर में हैं। बाह व जैतपुरकलां विकास खंड में कोई खास असर नहीं हैं।
शहरी क्षेत्र में दस साल में गिरावट
कमलानगर 40 मीटर
मंडी समिति 9.45 मीटर
नंगला परसोती 8.6 मीटर
एफसीआइ गोदाम 10.45 मीटर
कैंट 6 मीटर
डीडी टेलीकॉम 20.45 मीटर
दहतोरा 22.10 मीटर
टेढ़ीबगिया 7.46 मीटर
विजय नगर 4.37 मीटर
पीडब्लूडी कॉलोनी 5.43 मीटर
कालिंदी बिहार 8.76 मीटर
राजकीय नलकूप कॉलोनी 3.43 मीटर
टीपी नगर 11.33 मीटर
बलकेश्वर 18.25 मीटर
अमरपुरा 14.25 मीटर
कनकपुरा 11.34 मीटर
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
आगरा में हर वर्ष औसतन 612 मिलीमीटर बारिश हो रही है, जिसका 90 फीसद पानी बहकर नालों में पहुंचने से धरती प्यासी रह जाती है। पेड़ पौधों की कम होती संख्या भी मिट्टी को भुरभुरा बना देती है। सभी बड़े संस्थानों और घरों में रेनवाटर हारवेस्टिंग लगाकर जल बचाने की जरूरत है। कई क्षेत्रों में ऑटोमेटिक डेटा एनॉलागर लगाए जा रहे हैं, जिससे रोजाना भूजल स्तर की जानकारी आनलाइन मिल सकेगी।
-धर्मवीर सिंह राठौर, सीनियर हाइड्रोलॉजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग।
आगरा जलनामा
वार्षिक जल उपलब्धता- 3,78,407 हे. मीटर
भूगर्भ जल दोहन वार्षिक - 93,555 .95 हे. मीटर
भूगर्भ जल विकास दर- 111.79 फीसद
प्रति वर्ष भूजल गिरावट - 102 से 200 सेमी.
सबसे ज्यादा भूगर्भ जल गिरावट- सभी विकास खंड व शहर का पुराना इलाका
पेयजल इंतजाम पर खर्च- 4000 करोड़
आगरा जिले में लगे टीटीएसपी टंकियां- 7200
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