ओवर स्पीड ने ली बाप- बेटी की जान, जानें आखिर क्यों जानलेवा बनता जा रहा यमुना एक्सप्रेस
ओवर स्पीड में पलट गई थी कार, पत्नी घायल। देर रात अस्पताल में तोड़ा बाप- बेटी ने दम।
आगरा [जेएनएन]: यमुना एक्सप्रेस वे पर नोएडा से आगरा की ओर जा रही स्विफ्ट डिजायर कार ओवर स्पीड के कारण अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा कर पलट गई। हादसे में घायल कार सवार सात माह की बच्ची और उसके पिता की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई।
घटना के अनुसार राजस्थान के गुरुद्वारा धौलपुर निवासी सुशील शर्मा अपनी पत्नी प्रियंका एवं सात माह की दुधमुंही बच्ची प्रिंसी के साथ शनिवार शाम स्विफ्ट डिजायर कार यूपी 12 एएल 8071 से यमुना एक्सप्रेस वे से होते हुए नोएडा से आगरा की ओर आ रहे थे। मथुरा के थाना मांट क्षेत्र में माइल स्टोन 94 के समीप शाम करीब छह बजे ओवर स्पीड में अचानक अनियंत्रित होने से कार डिवाइडर से टकरा कर सड़क पर पलट गई। जिससे कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सात माह की बच्ची समेत पति- पत्नी घायल हो गए। हादसे की सूचना पर पहुंचे मांट टोल चौकी इंचार्ज शिव वीर सिंह एवं एक्सप्रेस वे कर्मियों ने गंभीर स्थिति देख घायलों को उपचार के लिए नयति अस्पताल भेज दिया। जहां देर रात उपचार के दौरान सुशील शर्मा एवं उनकी सात माह की पुत्री प्रिंसी की मौत हो गई। घायल पत्नी प्रियंका की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है।
जानलेवा बनता जा रहा है यमुना एक्सप्रेस वे
साल 2017 के एक आंकड़े की माने तो पिछले साल इस हाईवे पर दुर्घटना में 1, 600 लोगों की जान जा चुकी है, जो कि साल 2016 की तुलना में दोगुनी है। इसी वजह से देश के सबसे सुंदर और सुगम एक्सप्रेस वे को लोग अब जानलेवा एक्सप्रेस वे कहने लगे हैं।
आखिर क्यों होते हैं रफ्तार के रास्ते पर हादसे
जानकार यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों का मुख्य कारण है तेज रफ्तार, इस हाईवे पर गाडिय़ों की रफ्तार की एक तय सीमा है। वाहनों की गति पर नजर रखने के लिए हाईवे पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। दोपहिया वाहनों को लिए हेलमेट अनिवार्य है और ओवरस्पीडिंग पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है लेकिन लोग इन नियम की अनदेखी कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा यहां होते हैं हादसे
यमुना एक्सप्रेस वे पर सबसे ज्यादा हादसे जेवर टोल प्लाजा के अंतर्गत आने वाले जीरो पाइंट से लेकर 57 किमी के क्षेत्र में हुए हैं। दनकौर, दयानतपुर और फलैदा नौहझील, मांट और सुरीर थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं।
कब- किसने बनवाया यमुना एक्सप्रेस वे
यमुना एक्सप्रेस वे नौ अगस्त, 2012 को आम नागरिकों के उपयोग के लिए खोला गया था। ये तत्कालीन सीएम मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट था लेकिन शुरुआती तीन सालों में ही यमुना एक्सप्रेसवे पर 2,194 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं और ये आंकड़े दिन -प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं।