उमस भरी गर्मी में चाहिए एसी, लेकिन बिजली का बिल बना बोझ, अपना सकते हैं ये विकल्प
गर्मी के मौसम में ढाई गुना से अधिक हुई बिजली के बिलों में बढ़ाेत्तरी। इसलिए लोग अपना रहे हैं अब सोलर एनर्जी। एक बार के निवेश से सालों तक रहेगी राहत। साथ ही स्टार रेटिंग के एयर कंडीशनर्स लगाकर भी कम कर सकते हैं बिजली का बिल।
आगरा, जागरण संवाददाता। घर के बजट में बिजली का बिल बोझ बन गया है। जिन लोगों का मार्च के महीने तक ढाई हजार रुपये तक का बिजली का बिल आता था, अब उनका बिल पांच हजार से साढ़े आठ हजार रुपये तक का आ रहा है। इन दिनों तो कूलर बिल्कुल ही फेल साबित हो रहे हैं। बगैर एसी के उमस भरी गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। सुबह शाम या फिर दोपहर नहीं बल्कि लगभग पूरे समय तक एसी चलाना पड़ रहा है। जिसका बोझ लोगों की जेब पर पड़ रहा है।
गर्मी के मौसम में सर्वाधिक बिजली का बिल बढ़ाने में एयर कंडीशनर्स प्रमुख है। अन्य बिजली से संबंधित संसाधन तो वर्ष भर प्रयोग में आते हैं। जिनका बिल बजट में रेगूलर आता रहता है। लेकिन गर्मी आते ही बिजली के बिल में दोगुना की वृद्धि हो जाती है।
इसका प्रमुख कारण एसी होता है। जो एसी पांच साल पहले लगे हैं, वे अधिक बिजली खर्च करते हैं। हालांकि अभी जो एसी आ रहे हैं, वे एसी कूलर के बराबर ही बिजली खर्च करते हैं। अगर बढ़ते बिजली के बिल से बचना है तो उन सभी बातें पर ध्यान देना होगा, जो कि गर्मी के मौसम में अधिक बिल आने का कारण बनते हैं।
मेरे घर का बिजली का बिल पहले दो से ढाई हजार रुपये आता था, अब अप्रैल से आठ से साढ़े आठ हजार रुपये आ रहा है।
प्रवेश नरवार, शेखर रेजीडेंसी
मई और जून से बिजली के बिल में बढ़ोत्तरी हो गई है। एसी का अधिक प्रयोग हो रहा है। तीन हजार से बढ़कर आठ हजार रुपये बिल आ रहा है।
मोनिका लखनपाल, विनय नगर
गर्मी के मौसम में हर साल तीन से चार महीने तक बिजली का बिल दोगुना से अधिक ही आता है। गर्मी से बगैर एसी के राहत नहीं मिलती है।
पवन, शेखर रेजीडेंसी
गर्मी से परेशान होते हुए बच्चों को देखा नहीं जाता है। फिर चाहे बिल जितना भी क्यों न आए। गर्मी के मौसम में ढाई गुना से अधिक का बिल आता है।
कमल कांत शर्मा, गढ़ी भदौरिया
सोलर पैनल दे सकता है राहत
बढ़ते बिजली के बिल के चलते ही सोलर एनर्जी का प्रयोग बढ़ा है। आगरा में सोनल पैनल लगाने वाले गौरव गुप्ता ने बताया कि एक किलोवाट के सोलर पैनल लगाने में खर्च तकरीबन 60,000 से ₹65,000 तक होता है। सोलर पैनल के अलावा आपको कुछ और सामान खरीदने के लिए कुछ और खर्चे करने पड़ सकते हैं, जैसे कि वायरिंग स्विचिंग के लिए एमसीबी वगैरह, सोलर कनेक्टर, चार्ज-कंट्रोलर और इन्वर्टर।
यदि पांच किलोवाट क्षमता का सोलर संयंत्र लगा रहे हैं तो इससे एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर आदि जैसे भारी लोड वाले उपकरण भी चलाए जा सकते हैं। पांच किलोवाट सोलर सिस्टम तीन प्रकार में उपलब्ध हैं, पहला ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम, दूसरा ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम और तीसरा हाइब्रिड सोलर सिस्टम। अब तो तमाम कंपनियाें के सोलर पैनल बाजार में हैं और सरकार भी इन पर अनुदान देती है।
कमरे के तापमान को रखें नियंत्रित
एसी के एक्सपर्ट कपिल उप्पल का कहना है कि कमरे के तापमान को यदि आप 25 डिग्री पर सेट करके रखेंगे तो कमरा ठंडा भी रहेगा और एसी बिजली की खपत भी कम करेगा। एसी के साथ हल्की स्पीड पर पंखे को चला सकते हैं।