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अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 पर फोकस, शहर की बदलेगी तस्वीर

चार से 31 जनवरी के बीच होगा सर्वे, नगर निगम ने झोंकी पूरी ताकत - देश के टॉप टेन शहरों में शामिल होने का लक्ष्य

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 10:00 AM (IST)
अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 पर फोकस, शहर की बदलेगी तस्वीर
अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 पर फोकस, शहर की बदलेगी तस्वीर

आगरा, जागरण संवाददाता। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की उलटी गिनती शुरू हो गई है। सर्वे चार से 31 जनवरी के बीच होगा। शहर में टीमें आएंगी और विभिन्न वार्डो का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेंगी। कोशिश है कि इस बार आगरा देश के टॉप टेन शहरों में शामिल हो सके।

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स्वच्छ वार्ड प्रतियोगिता-2018 में आगरा के खाते में कई पुरस्कार आए हैं। खासकर आगरा नगर निगम को सर्वश्रेष्ठ निगम और कटरा फुलेल को सर्वश्रेष्ठ वार्ड का पुरस्कार मिलना, लेकिन इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में कई ऐसे बिंदु शामिल किए हैं जिसमें निगम की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। खासकर कचरा प्रबंधन और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन। सफाई व्यवस्था और सिटीजन फीडबैक भी। पिछली बार इन्हीं बिंदुओं पर निगम पिछड़ गया है। अब तक हुए स्वच्छता सर्वेक्षण

- वर्ष 2016 में देश के 75 शहरों में हुए सर्वे में आगरा 45वें स्थान पर रहा था।

- वर्ष 2017 में देश के 420 शहरों में हुए सर्वे में आगरा 263वें स्थान पर रहा।

- वर्ष 2018 में देश के चार हजार शहरों में हुए सर्वे में आगरा 102वें नंबर पर रहा था। सेनेटरी इंस्पेक्टरों पर नहीं अंकुश

नगर निगम में 100 वार्ड हैं। डेढ़ दर्जन के करीब सेनेटरी इंस्पेक्टर हैं। उनके द्वारा सफाई सहित अन्य की निगरानी ठीक तरीके से नहीं की जा रही है। नाली-नालों की सफाई

नाली-नालों की सफाई ठीक तरीके से नहीं हो रही है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पार्षद नहीं दे रहे सहयोग

स्वच्छता सर्वेक्षण में पार्षदों का जिस तरीके से सहयोग होना चाहिए। वह नहीं मिल पा रहा। कूड़े का निस्तारण

निगम ने भले ही सूखा व गीला कूड़ा उठाना शुरू कर दिया हो, लेकिन इसके निस्तारण को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई। कम हैं कर्मचारी

निगम में तीन हजार सफाई कर्मचारी हैं। जरूरत पांच हजार की है। तंग गलियों में आज भी कूड़ा नहीं उठता। अनुमति का इंतजार

हर दिन साढ़े 750 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। हर दिन एक मीट्रिक टन कूड़ा जला दिया जाता है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को अभी तक अनुमति नहीं मिली है। पांच सौ मीट्रिक टन कूड़े से दस मेगावाट बिजली बनेगी। नहीं पकड़ रहा रफ्तार

शहर में पांच कंपनियां डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्ट कर रही हैं। चालीस हजार घरों से कूड़ा कलेक्शन हो रहा है। यह सभी ताजगंज व उसके आसपास के वार्ड हैं।


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