रूढि़वादी समाज को देकर संदेश एक बेटी बन गई हौसले की मिसाल
गुरुवार को विद्युत करंट से हुई थी कारोबारी विजय की मौत। नहीं है कोई बेटा, जिम्मेदारी निभाने ससुराल से आई बेटी।
आगरा, जेएनएन। कासगंज जिले के अमांपुर में विद्युत करंट से मृत कारोबारी विजय प्रकाश साहू की बेटी रेनू ने बेटे का धर्म निभाते हुए क्षेत्र को संदेश दिया कि बेटी- बेटे में कोई अंतर नहीं। पिता की अर्थी को कांधा दिया तो मुखाग्नि भी। नम आंखों से रोती- बिलखती मां को ढांढस बंधाया। परिवार को हिम्मत बंधाने वाली रेनू ने रूढि़वादी समाज को संदेश भी दिया कि बेटा- बेटी एक समान हैं। कोई ऐसी परंपरा नहीं, जिस पर सिर्फ बेटों का हक हो।
अमांपुर के मोहल्ला किदवई नगर निवासी विजय प्रकाश साहू पुत्र श्यामलाल साहू की गुरुवार को नहाते वक्त विद्युत करंट से मौत हो गई। विजय के कोई बेटा नहीं है। इकलौती बेटी रेनू है, जिसे उन्होंने बेटे की तरह पाला। पिता द्वारा बचपन से दिया गया आत्मविश्वास ही था, जिसने रेनू को हिम्मत दी। विजय का शव घर के बाहर रखा हुआ था। पत्नी रेखा साहू सहित परिवार के लोग बैठे हुए थे। आसपास के लोगों की जुबां पर सवाल भी था अंतिम संस्कार की रस्में कौन पूरा करेगा तो रेनू की मां की पति की असामायिक मौत से दुखी बिलख रही थी। ऐसे में अंबाला स्थित ससुराल से आई बेटी ने सबके सवालों का जवाब दिया। मां का कांधा पकड़ कर साहस बंढाते हुए कहा मां मैं हू न। सब रस्में मैं निभाऊंगी। रेनू ने पिता की अर्थी को कांधा दिया तथा शमशान पर उन्हें मुखाग्नि देते हुए अन्य रस्में पूरी कीं। रेनू की मां रेखा साहू कहती हैं कि रेनू के पिता ने सदैव उसे आत्मविश्वास से जीने की शिक्षा दी। रेनू ने भी आज जो हिम्मत एवं समझदारी दिखाई है, उससे परिवार को आत्मबल मिला है।