Cross Case: बच्चों के झगड़े में रिटायर्ड फौजी की पत्नी को जिंदा जलाने वालों पर मुकदमा दर्ज
Cross Case फौजी ने एससी पक्ष पर लगाया है जिंदा जलाने का आरोप। बच्चों के झगड़े में लिखा दिया था एससी एसटी एक्ट में मुकदमा। एसपी सिटी मंगलवार सुबह पहुंचे कॉलोनी में। रिटायर्ड फाैजी अनिल राजावत का परिवार 2014 से पुष्पांजलि ईको सिटी में रहता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। बच्चों के झगड़े से जो मामला शुरू हुआ, वह जातीय विवाद तक पहुंच गया। आरोप है कि इस विवाद को निपटानेे के लिए हुई पंचायत के बाद फौजी की पत्नी को पड़ोसियों ने केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया। उपचार के दौरान महिला की मौत हो जाने पर यह दूसरे पक्ष पर भी मुकदमा दर्ज हुआ है। मंगलवार शाम तक महिला का पार्थिव शरीर दिल्ली से आगरा पहुंचेगा। कॉलोनी में तनाव की स्थिति देखते हुए पुलिस तैनात कर दी गई है।
ताजगंज के पुष्पांजलि ईको सिटी कालोनी निवासी संगीता राजावत को जिंदा जलाने के मामले में पड़ोसी भरत खरे और उनकी पत्नी सुनीता के खिलाफ ताजगंज थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है। भरत ने संगीता और उनके पति रिटायर्ड फौजी अनिल राजावत के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में मुकदमा लिखाया था। इसके बाद हुई पंचायत के बाद संगीता जिंदा जली थीं। मंगलवार को कॉलोनी में एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद जांच को पहुंचे। कॉलोनीवासियों ने बताया कि संगीता का शव लेकर दिल्ली से शाम तक स्वजन आगरा पहुंचेंगे। फिलहाल कालोनी में तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
यह था मामला
मूलरूप से गढमुक्तेश्वर निवासी रिटायर्ड फाैजी अनिल राजावत का परिवार वर्ष 2014 से पुष्पांजलि ईको सिटी में रहता है। घर में उनकी पत्नी संगीता, जुड़वां आठ वर्षीय बेटे पियूष और आयुष हैं। अनिल ने बताया कि शुक्रवार को उनकी पत्नी संगीता दूध लेने गई थीं। उनके बेटे घर के बाहर खेल रहे थे। तभी भरत खरे का 10 वर्षीय बेटा बिट्टू वहां आ गया। साथ खेलने को लेकर उससे झगड़ा हो गया। भरत के बेटे के सिर में चोट लग गई। इस मामले में भरत खरे ने ताजगंज थाने में एससी- एसटी एक्ट का मुकदमा लिखा दिया। अनिल को शनिवार को दिनभर पुलिस चौकी पर बैठाया गया। इसके बाद समझौते के लिए कालोनी में रविवार शाम को पंचायत हुई। आरोप है कि भरत पक्ष ने पंचायत में 10 लाख रुपये मांगे और अनिल व उनकी पत्नी से पंचायत में पैर छूकर मांफी मांगने की शर्त भी रखी। संगीता पैर छूने को तैयार नहीं हुईं। उन्होंने हाथ जोड़कर माफी मांगी।
अनिल पहले पूरा इलाज कराने को तैयार थे। इस पर सहमति नहीं बनी तो 70 हजार रुपये तक देने को तैयार हो गए। कुछ कालोनी वासियों ने अपनी तरफ से दस-दस हजार रुपये देकर एक लाख रुपये तक देने को कह दिया। समझौता नहीं हो सका। अनिल कुमार कालोनी के कुछ लोगों के साथ इसी संबंध में बैठकर बातचीत कर रहे थे। तभी उनकी पत्नी के चीखने की आवाज आई। लोग दौड़कर वहां पहुंचे। वह लपटों से घिरी हुई थीं। जैसे-तैसे लोगों ने आग बुझाई। पहले उन्हें मिलिट्री हास्पिटल ले गए। वहां से दिल्ली गेट स्थित निजी अस्पताल भेज दीं। देर रात उन्हें वहां से एसएन इमरजेंसी रैफर कर दिया गया। यहां से तड़के चार बजे दिल्ली के आरआर हास्पिटल में रैफर कर दिया। रविवार सुबह साढ़े नौ बजे संगीता की मौत हो गई। अनिल ने आरोप लगाया है कि भरत उसकी पत्नी सुनीता और उसके 10-15 साथियों ने उनकी पत्नी को आग लगाई है।