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PM Modi से प्रभावित यूपी की 85 वर्षीय महिला, उनके नाम करना चाहती है करोड़ों की जमीन, जानें वजह

बेटों से ज्यादा भरोसा नरेंद्र मोदी पर जताने वाली वृद्धा बिट्टन देवी शुक्रवार को भी अपनी जमीन पीएम के नाम करने के फैसले पर अडिग रहीं। वृद्धा के फैसले से बेचैन हुए बेटे-बहुएं अब उनकी सेवा में जुटे हैं। उनको मनाने में लगे हुए हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 01:05 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 05:10 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम अपनी जमीन करने का फैसला बुजुर्ग महिला ने ले लिया है।

मैनपुरी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीबों तथा निचले वर्ग के लोगों के लिए संचालित योजनाओं से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी के किशनी के गांव चितायन निवासी 85 वर्षीय वृद्धा कुंवरि उर्फ बिट्टन देवी बेहद प्रभावित हैं। इतनी प्रभावित हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम अपनी साढ़े 12 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करने पर अडिग हैं। 

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कुंवरि उर्फ बिट्टन देवी के घर के लोग यानी तीन बेटे और बहुएं समझाकर थक गए हैं, उन्हेंं मनाने का क्रम बना हुआ है। रिश्तेदारों को भी बुला लिया गया है। घर के लोगों के साथ बेटों ने भी इस काम के लिए उनकी मानसिक हालत का हवाला देकर एसडीएम से गुहार लगाई है।

बिट्टन देवी की सेवा में जुटे बेटे-बहुएं

बेटों से ज्यादा भरोसा नरेंद्र मोदी पर जताने वाली वृद्धा बिट्टन देवी शुक्रवार को भी अपनी जमीन पीएम के नाम करने के फैसले पर अडिग रहीं। वृद्धा के फैसले से बेचैन हुए बेटे-बहुएं अब उनकी सेवा में जुटे हैं। उनको मनाने में लगे हुए हैं। पूरे जिले में बिट्टन देवी के निर्णय की चर्चा चल रही है। ग्रामीण भी लगातार उनका हाल-चाल ले रहे हैं। शुक्रवार को भी पूरा परिवार उनकी सेवा में लगा है, जिससे वह अपना फैसला बदल दें। उनको समय से खाना खिलाया जा रहा है, अन्य जरूरतों का भी ख्‍याल रखा जा रहा है। परंतु शुक्रवार सुबह जब उनको फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम जमीन लिखने का अपना संकल्प दोहरा दिया। शुक्रवार सुबह को कुछ ग्रामीणों ने भी बिट्टन देवी का हालचाल लिया। ग्रामीणों के मुताबिक बेटे अब अपनी मां को समझाने के लिए अन्य रिश्तेदारों को बुलाने पर विचार कर रहे हैं। 

किशनी के गांव चितायन की 85 वर्षीय वृद्धा कुंविर उर्फ बिट्टन देवी पत्नी पूरन लाल इन दिनों इलाके में चर्चा का केंद्र बनी हैं। उनके पति की मौत हो चुकी है। उसके तीन बेटे और बहुएं हैं। वह तहसील में अधिवक्ता कृष्णप्रताप सिंह चौहान के बस्ते पर जा पहुंचीं। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे और बहू ठीक से खयाल नहीं रखते हैं। अब तो बेहद ही खराब समय आ गया है। ऐसे में पीएम मोदी ने कोरोना काल में खाद्य सामग्री के साथ फसल ओलावृष्टि आदि के तहत लाभ दिलाया। किसान सम्मान योजना में भी आर्थिक मदद मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पेंशन योजना से जीवनयापन हो रहा है। वह मोदी के कामों से खुश हैं। इस कारण साढ़े 12 बीघा जमीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करना चाहती हैं। इसके चलते ही यह फैसला लिया है। 

उनके फैसले की जानकारी मिलते ही स्वजन मनाने में जुट गए। देर रात तक पुत्र रामफेर, जीवनलाल और भोले राम व उनकी पत्नियां, बिट्टन देवी से बात करती रहीं। मगर, वृद्धा नहीं मानी। गुरुवार दोपहर तीनों बेटे एसडीएम रामसकल मौर्य से मिले। बेटों ने कहा कि मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। अक्सर इसी तरह की बात कहती हैं। ऐसे में जमीन को लेकर कोई फैसला न किया जाए।

इस प्रकरण की जानकारी मिलने पर कल दोपहर आरएसएस के खंड कार्यवाह व अधिवक्ता कृष्णा चौहान कुछ साथियों संग गांव पहुंचे। उन्होंने वृद्धा को खाने-पीने का सामान दिया। इसके साथ ही वृद्धा के तीनों पुत्रों से उनका ख्याल रखने को कहा। एसडीएम रामसकल मौर्य ने बताया कि वृद्धा के स्वजनों को उनको मनाने की सलाह दी गई है। बिट्टन देवी जमीन को लेकर कोई प्रार्थना पत्र देतीं हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 


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