तीन दिन से मरे पड़े थे चूहे, हॉस्टल में आठ छात्राएं हुईं बीमार, जानिए क्या है पूरा मामला Agra News
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में एक दर्जन छात्राओं की बिगड़ी तबीयत। गद्दे में मर गए चूहे नारकीय हालत में रह रहीं छात्राएं।
आगरा, जागरण संवाददाता। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के हॉस्टल के कमरे में चूहे मारने की दवा डाल दी, कमरे में तीन दिन तक गद्दों में चूहे मरे पड़े रहे। इससे शनिवार सुबह एक दर्जन छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई, दस्त और उल्टी होने पर आठ छात्राओं को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया।
डायट परिसर में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित है। यहां 100 छात्राएं छह कमरे में रह रहीं हैं। तीन दिन पहले हॉस्टल के कमरों में चूहों को मारने के लिए दवा डाली गई, एक कमरे में रखे गद्दों में ही चूहे मर गए। उनमें कीड़े पड़ गए, कमरे में बदबू भर गई, इसी कमरे में छात्राओं को सोने के लिए कह दिया। एक दर्जन छात्राओं की तबीयत इससे बिगड़ गई, सुबह स्वास्थ्य विभाग की टीम एंटी लार्वा और फोगिंग करने पहुंची। इसके बाद छात्राओं को खाने के लिए पूड़ी दी गई, कुछ देर बाद छात्राओं को उल्टी होने लगी। दोबारा स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। उल्टी और दस्त होने पर आठ छात्राओं को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। छात्राओं को नारकीय हालत में रखने से परिजनों में आक्रोश है। वे शाम को जिला अस्पताल से छात्राओं को डिस्चार्ज कराकर अपने घर ले गए।
तीन दिन से बदबू से परेशान थी छात्राएं, जला दिए गद्दे
विद्यालय में रह रहीं छात्राएं तीन दिन से बदबू से परेशान थीं, कई छात्राओं को चक्कर भी आ गए लेकिन इलाज नहीं कराया गया। चूहे मरने से गद्दों में कीड़े पड़ गए, गद्दों को जला दिया।
कमरों में सीलन
एक ही कमरे गद्दे और चादर रखी जाती हैं, इसी कमरे में चूहे मर गए थे। कमरों में सीलन रहती है और सफाई नहीं की जाती है।
पहले भी छात्राएं हो चुकी हैं बीमार
इससे पहले भी छात्राएं बीमार हो चुकी हैं। यहां साफ सफाई नहीं रखी जाती हैं।
इन छात्राओं को कराया भर्ती
अनीशा (10) साधना (10) नीलम (12) राखी (13) अंशु (13) दिव्या (11) क्रांति (13), अनुष्का (11)
क्या कहते हैं जिम्मेदार
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वार्डन के फोन पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई, बदबू, उमस और गंदगी से छात्राओं को डायरिया और उल्टी हो रहीं थी, उन्हें भर्ती कराया गया। एंटी लार्वा के छिड़काव और फोगिंग से कोई समस्या नहीं होती है।
डॉ. मुकेश वत्स, सीएमओ
स्कूल में दवा छिड़की गई थी, इससे तबीयत बिगड़ गई, उनका इलाज कराकर घर भेज दिया गया।
ओमकार सिंह, बीएसए
विद्यालय की वार्डन ने तीन दिन पहले चूहे मारने वाली दवा डालने की बात बताई थी, जिन बच्चों की तबीयत बिगड़ी उन्हें घर भेज दिया है। वार्डन को नोटिस दिया गया है।
कुलदीप तिवारी, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा बेसिक शिक्षा विभाग
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