5 डी अल्ट्रासाउंड से देखें गर्भस्थ शिशु का दिल
स्त्री रोग विशेषज्ञों की कार्यशाला में अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट के साथ चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि अब गर्भ में ही शिशु का इलाज संभव है।
By Edited By: Published: Sat, 04 May 2019 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 10:14 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। अब 5डी अल्ट्रासाउंड आ गया है, इससे गर्भस्थ शिशु की दिल की धमनियों, रक्त संचार के साथ सभी अंगों को देख सकते हैं। यह गर्भस्थ शिशु की जन्मजात विकृति की जांच और इलाज में कारगर है। इस नई तकनीकी का लिंग परीक्षण के लिए दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। इसके लिए चिकित्सक अपनी जिम्मेदारी समझें और समाज में बेटियों को स्वीकार किया जाए, इसके लिए जागरूक करें। इसे लेकर शुक्रवार से होटल मेंशन ग्रांड में तीन दिवसीय इंडियन सोसायटी ऑफ अल्ट्रासाउंड इन ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी (इनसॉग-2019) सम्मेलन में पहले दिन चर्चा की गई। डॉ. अनीता कॉल ने बताया कि गर्भस्थ शिशु में सबसे पहले दिल की धड़कन सुनाई देती है, पांच सप्ताह में दिल विकसित होने लगता है। नौ सप्ताह में यह पूरी तरह बन जाता है। 5डी अल्ट्रासाउंड की मदद से गर्भस्थ शिशु के दिल की धमनियों और रक्त के संचार को देख सकते हैं। इसी तरह से गर्भस्थ शिशु के दिमाग से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। ब्रेन स्ट्रॉक की आशंका, सिर में पानी भरने का पता चल सकता है। नाभि एवं पेट की सतह में विकार, गुर्दे, हाथ-पैरों की विषमताओं को देखा जा सकता है। अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट डॉ. चंदर लुल्ला ने बताया अल्ट्रासाउंड की मदद से गर्भस्थ की बीमारियों का पता करने के के साथ गर्भ में ही शिशु का इलाज किया जा सकता है। आयोजन अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि अल्ट्रासाउंड की अत्याधुनिक तकनीकी से गर्भस्थ शिशु के हर अंग को देख सकते हैं। इसका दुरुपयोग न हो, लिंग परीक्षण के लिए तकनीकी का इस्तेमाल न किया जाए, यह जिम्मेदारी भी चिकित्सकों की है। कुछ बीमारियां पुरुषों में ही होती हैं, जैसे पेशाब की थैली में रुकावट, यह गर्भस्थ शिशु के सेक्स ऑर्गन को देखने के बाद ही पता चल सकता है। यहां चिकित्सकों की भूमिका अहम है, जिससे लिंग परीक्षण पूरी तरह से बंद हो सके। डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि अल्ट्रासाउंड से महिला व पुरूष बांझपन का पता लगने के साथ इलाज भी संभव है। डॉ. बीएस रामामूर्ति ने सेप्टम, डॉ. प्रतिमा राधाकृष्णन ने कार्डियक डिफेक्ट्स ,डॉ. क्रिस्टिन गबनर ने फीटल एचक्यू, डॉ. ज्योति चैबल ने कार्डियक चैंबर, डॉ. भूपेंद्र आहूजा ने जेनेटिक एंड अल्ट्रासाउंड और डॉ. ऋषभ बोरा ने एक्टोपिक प्रेग्नेंसी पर चर्चा की। डॉ. प्रशात आचार्य, डॉ. गीता कॉलर, डॉ. पीके शाह, डॉ. प्रतिमा राधाकृष्णन, डॉ. बीएस रामामूर्ति, डॉ. पीके शाह, डॉ. एस सुरेश आदि मौजूद रहे। फोग्सी गर्ल ने किया शुभारंभ कानपुर की रेप विक्टिम साक्षी विद्यार्थी को फोग्सी गर्ल नाम दिया गया है। वे दुष्कर्म पीड़ितों को हौसला दे रहीं हैं और मुख्य धारा से जोड़ रही हैं। रात को उन्होंने सम्मेलन का शुभारंभ किया। समारोह में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सफलता के बाद बेटी बचाओ, बेटा समझाओ का संदेश दिया गया। इसके साथ ही गाला नाइट हुई।
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