40 फीसद राशन कार्ड में हो सकता घालमेल, जिला प्रशासन भ्रष्टाचार मिटाने में फेल
- नॉन फ्रीज राशन कार्ड में डाटाबेस किया जा सकता है चेंज - पहले भी कॉकस ने 10 हजार कार्ड में ऐसे ही लगाई थी सेंध
आगरा: डाटाबेस में परिवर्तन कर पिछले दिनों पूरे प्रदेश में माफिया गरीबों का राशन खा गए थे। इसके बाद केरोसिन घोटाले का मामला भी सामने आया था। जिले में अभी भी नॉन फ्रीज राशन कार्ड की संख्या 40 फीसद है, जिनके डाटाबेस में परिवर्तन कर खेल किया जा सकता है।
जिले में 6.40 लाख राशन कार्ड धारक हैं, जिसमें से 2.40 लाख शहरी क्षेत्र में ही हैं। इनमें से 10 हजार से अधिक राशन कार्ड में विभागीय अधिकारियों, राशन डीलर की मदद से खेल हुआ था। कार्ड धारकों के आधार कार्ड नंबर की जगह दूसरा आधार कार्ड लगाकर राशन जारी करा लिया गया था। पूरे मामले में 63 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें आधे राशन विक्रेता थे। इसके साथ ही ऑपरेटर, विभागीय अधिकारी भी संदेह के घेरे में थे, लेकिन अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आधार कार्ड फ्रीज नहीं होने के कारण अब भी 40 फीसद कार्ड में घालमेल की आशंका बनी हुई है। वहीं, 10 हजार कार्ड में खेल के बाद भी कई मामले ऐसे सामने आए थे, जिसमें पात्रों ने राशन नहीं लिया था। उनके पास मैसेज राशन जारी होने का पहुंच गया था। डीएसओ उमेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि अब मशीनों से निर्धारित स्थल से 100 मीटर के अंदर ही कार्य किया जा सकता है। सॉफ्टवेयर अपडेट कर दिया गया है। जिन कमियों के कारण पहले गड़बड़ी हुई थी उन्हें दूर किया गया है।
दरअसल इस पूरे मुद्दे को देखा जाए तो इसमें राजनीतिक दलों की बड़ी भूमिका होती है। जिस जगह से सत्ताधारी दल का पार्षद या जनप्रतिनिधि होता है वह अपने वोटरों को पहले राशन का लाभ दिलवाता है।