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    Newborn Baby Care Week: सर्दी के साथ बढ़ने लगी बच्चों में ये समस्या, अनदेखी हो सकती है जानलेवा

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 20 Nov 2021 04:54 PM (IST)

    Newborn Baby Care Week अनदेखी में हाइपोथर्मिया हो सकता है हावी। सर्दियों में नवजात की विशेष देखभाल की जरूरत हाेती है। बच्चे निमोनिया की चपेट में सबसे ज्यादा और जल्दी आते हैं। ज्यादातर बच्चों में हाइपोथर्मिया की समस्या देखने को मिलती है।

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    सर्दियों में नवजात की विशेष देखभाल की जरूरत हाेती है।

    आगरा, जागरण टीम। सर्दी की शुरुआत के साथ बच्चों में हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सक इसे चिंताजनक बता रहे हैं। डाक्टरों की मानें तो जरा सी अनदेखी नवजात और शिशु के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

    मैनपुरी के 100 शैया अस्पताल के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा. संदीप कुमार का कहना है कि सर्दियों में नवजात की विशेष देखभाल की जरूरत हाेती है। बच्चे निमोनिया की चपेट में सबसे ज्यादा और जल्दी आते हैं। ज्यादातर बच्चों में हाइपोथर्मिया की समस्या देखने को मिलती है। असल में हाइपोथर्मिया ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान असामान्य रूप से गिरने लगता है। एक स्थिति ऐसी आती है जब ब्लड प्रेशर पूरी तरह से गिर जाता है। इससे बचने के लिए बच्चों को गर्माहट की जरूरत होती है। समय पर बच्चों को यदि अस्पताल लाया जाए ताे दवाओं के माध्यम से उपचार के जरिए इस तापमान को बढ़ाया जा सकता है। यदि समय पर उपचार न मिले तो यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो जाती है। सर्दियों में बच्चों की मृत्यु की यह एक बड़ी वजह है।

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    हाइपोथर्मिया के प्रकार

    - हल्के हाइपोथर्मिया में शरीर का तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस होता है।

    - मध्यम स्तर में 28 से 32 डिग्री सेल्सियस होता है।

    - 28 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान को बेहद गंभीर स्थिति मानी जाती है।

    हाइपोथर्मिया के कारण

    डायबिटीज, थायराइड, गठिया, डिहाइडे्रशन के मरीजों में यह समस्या बढ़ती है। इसके अलावा शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों में भी हाइपोथर्मिया की आशंका सबसे ज्यादा होती है।

    ये हैं मुख्य लक्षण

    शरीर में कपकपी, थकान महसूस होना, सांस तेजी से चलना, त्वचा का ठंडा पड़ना, बोलने में परेशानी होना, बेहोशी आना, सर्वाधिक नींद आना या फिर नींद में कमी होना इत्यादि हाइपोथर्मिया के लक्षण हैं।