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आगरा के विद्युत शवदाह गृह की भट्टी बनाने की राह में लाकडाउन का रोड़ा, बंदी के चलते नहीं मिल रहा जरूरी सामान

Electric Crematorium in Agra क्षेत्र बजाजा कमेटी ने विद्युत शवदाह गृह की व्यवस्थाओं के लिए मांगी सेना की मदद डीएम को लिखा पत्र। लगातार जलने से खराब हो चुकी थीं चारों भट्टी अब दो ही कर रही हैं काम।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 12:56 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 12:56 PM (IST)
आगरा के विद्युत शवदाह गृह की भट्टी बनाने की राह में लाकडाउन का रोड़ा, बंदी के चलते नहीं मिल रहा जरूरी सामान
लगातार जलने से खराब हो चुकी थीं विद्युत शवदाहगृह की चारों भट्टी। फाइल फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के विद्युत शवदाह गृह की खराब हो गई दो भट्टी को बनाने में लाकडाउन ने रोडा डाल दिया है। खराब हो गई इन भट्टियों को दोबारा चालू करने के लिए जरूरी सामान चाहिए। वह बाजार बंदी के चलते अब नहीं मिल पा रहा है। इससे भट्टी को सही करके उसे दोबारा चालू करने में तीन से चार दिन लग सकते हैं। वहीं, विद्युत शवदाह गृह पर होने वाले अंतिम संस्कार की व्यवस्था में सहयोग करने के लिए सेना की मदद मांगी गई है। इसे लेकर श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी ने डीएम काे पत्र लिखा है।

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आगरा में करीब एक महीने से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही विद्युत शवदाह गृह पर होने वाले शवों के अंतिम संस्कार की संख्या काफी बढ़ गई है। एक दिन में 45 शवों तक का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जबकि शवदाह गृह की क्षमता आठ से दस शवों की है। लगातार काम करने से चारों भट़्टी खराब हो गई थीं। इनमें दो भट्टी को किसी तरह से बनाकर चालू कर दिया गया है। मगर, दो भट्टी अभी खराब चल रही हैं। इनमें एक भट्टी के बुधवार तक सही कराके चालू कराने की उम्मीद थी। मगर, दो दिन का लाकडाउन बढ़ा देने से इसका सामान नहीं मिल रहा है। इसमें भट्टी में लगने वाले बोल्ड, लोहे की चादर व गेट आदि हैं।

यह सारा सामान अब बाजार खुलने के बाद ही मिल सकेगा। इसके बाद भट्टी को बनाकर उसे अंतिम संस्कार के लिए जरूरी तापमान (650 डिग्री सेंटीग्रेड) तक गरम करने में एक दिन लगेगा। इसी के बाद शवों का अंतिम संस्कार इस भट्टी में किया जा सकेगा। विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि तीसरी भट्टी के चालू होने में तीन से चार दिन लग सकते हैं।

विद्युत शवदाह गृह की भट्टी विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार कराई गई थीं। इन भट्टियों को अहमदाबाद के इंजीनियरों ने बनाया था। श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी ने डीएम को पत्र लिखकर सेना की मांग की है। कमेटी के महामंत्री राजीव अग्रवाल ने बताया कि आक्सीजन प्लांट की तरह सेना के सहयोग से विद्युत शवदाह गृह की व्यवस्था और अधिक सहज और सरल हो सकेगी।

विद्युत शवदाह गृह में 22 शवों का अंतिम संस्कार

विद्युत शवदाह गृह में मंगलवार को 22 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इसके चलते भट्टियों के दोबारा खराब होने का खतरा बढ़ गया है।जबकि साेमवार को यहां 12 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था।

मोक्षधाम पर जलीं 40 चिताएं

ताजगंज शमशान घाट स्थित मोक्षधाम पर मंगलवार को 40 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। मोक्षधाम पर भी कोरोना संक्रमण काल में शवों के अंतिम संस्कार की संख्या तीन गुना तक बढ़ी है। 


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