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Jones Mill Case: आगरा में जोंस मिल की जमीन खुर्द बुर्द करने में बिल्डर समेत तीन के खिलाफ मुकदमा

Jones Mill Case हाईकोर्ट और राज्य सरकार के आदेश के बाद भी जमीन की खरीद-फरोख्त का आरोप। डीएम प्रभु एन सिंह आदेश पर 29 जुलाई 2020 को एक कमेटी गठित की गई थी। आठ सदस्यीय कमेटी द्वारा जोंस मिल कंपाउंड में जमीन की खरीद -फरोख्त की जांच की गई।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 08:22 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 08:22 AM (IST)
Jones Mill Case: आगरा में जोंस मिल की जमीन खुर्द बुर्द करने में बिल्डर समेत तीन के खिलाफ मुकदमा
डीएम प्रभु एन सिंह आदेश पर 29 जुलाई 2020 को एक कमेटी गठित की गई थी।

आगरा, जागरण संवाददाता। जोंस मिल की जमीन खुर्द बुर्द करने में बिल्डर चुनमुन अग्रवाल समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। अब पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इसमें आरोपितों को बचना नजर नहीं आ रहा। आरोपितों पर हाईकोर्ट और राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना कर जमीन खुर्दबुर्द करने का आरोप है।

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मुकदमे के अनुसार, जोंस मिल की संपत्ति ग्राम घटवासन तहसील सदर के गाटा संख्या 1734, 1737,1739, 2078, 2079, 2080 आदि में स्थित है। डीएम प्रभु एन सिंह आदेश पर 29 जुलाई 2020 को एक कमेटी गठित की गई थी। आठ सदस्यीय कमेटी द्वारा जोंस मिल कंपाउंड में जमीन की खरीद -फरोख्त की जांच की गई। इसमें सामने आया कि गजट नोटिफिकेशन 16 नवंबर 1949 के द्वारा राज्य सरकार ने जोंस मिल से संबंधित चल और अचल संपत्ति के किसी भी प्रकार के अंतरण किए जाने पर रोक लगा दी थी। अधिकृत नियंत्रक के द्वारा किसी भी अंतरण के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेना जरूरी कर दिया गया था। इस आदेश में हाईकोर्ट ने आंशिक संशोधन करते हुए अधिकृत नियंत्रक द्वारा जोंस मिल की चल-अचल संपत्ति के विक्रय को हाईकोर्ट की अनुमति के बिना निषिद्ध कर दिया था। हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश में सभी पक्ष पार्टी बनाए गए थे, जिनके द्वारा जोंस मिल की जमीन को खुर्द बुर्द किया गया। जोंस मिल की जमीन को खुर्द बुर्द कर अकूत संपत्ति अर्जित करने वालों में राजेंद्र प्रसाद जैन उर्फ रज्जो जैन, सरदार कंवलदीप सिंह और बिल्डर हेमेंद्र अग्रवाल उर्फ चुनमुन की मुख्य भूमिका है। लेखपाल सजल कुमार कुलश्रेष्ठ ने इस मामले में तहरीर दी थी। इसके आधार पर शुक्रवार रात छत्ता थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जो भी इस मामले में दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बम धमाके के बाद सुर्खियों में आया जोंस मिल

जोंस मिल में लंबे समय से बिल्डर और जालसाज सक्रिय थे। ये फर्जी तरीके से जमीन की खरीद फरोख्त कर रहे थे।19 जुलाई 2020 को जोंस मिल में बम धमाका होने के बाद यह जमीन सुर्खियों में आई। इस मामले में पुलिस ने रज्जो जैन समेत अन्य को जेल भेज दिया था।बिल्डर चुनमुन का नाम भी विवेचना में प्रकाश में आया। मगर, बिल्डर को कुछ दिन बाद ही क्लीनचिट दे दी गई। इस मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर छत्ता सुनीत दत्त को एसएसपी ने निलंबित कर दिया था।अब एक बार फिर बिल्डर पर कानूनी शिकंजा कस गया है। इस बार मुकदमा कमेटी की जांच के बाद लिखा गया है।इसलिए बिल्डर व अन्य का बचना मुश्किल है। 


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