Tailoring curse scheme: टेलरिंग शाप योजना खोल रही रोजगार के रास्ते, पढ़ें कौन हो सकता लाभार्थी
Tailoring curse scheme टेलरिंग शाप योजना अनुसूचित जाति के उन लोगों के चलाई जा रही है जिन्हें सिलाई का काम आता है। मगर आर्थिक तंगी के चलते वह अपना काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे ही लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की गई है।
आगरा, जागरण संवाददाता। यूपी से बाहर या जनपद में सिलाई-कढ़ाई का गुर जानने वालों को सरकारी मदद देकर उभारा जा रहा है। अनुसूचित जाति के लिए चलाई जा रही टेलरिंग शाप योजना से रोजगार के नये रास्ते खुल रहे हैं। योजना का लाभ लेने के लिए जिले में 334 आवेदन आ चुके हैं। इसमें से 89 को सिलाई कार्य के लिए मशीन उपलब्ध कराई जा चुकी है। एक हजार रुपये कपड़ा, धागा आदि खरीदने के लिए दिया गया है। शेष के लिए शासन से बजट मांगा गया है।
दरअसल, ये योजना अनुसूचित जाति के उन लोगों के चलाई जा रही है, जिन्हें सिलाई का काम आता है। मगर, आर्थिक तंगी के चलते वह अपना काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे ही लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। टेलरिंग शाप योजना के तहत 20 हजार रुपये की मदद की जा रही है। इसमें से दस हजार रुपये का सरकार अनुदान दे रही है। शेष दस हजार रुपये तीन साल में तीन सौ रुपये की मासिक किस्त में चुकाने होंगे। यह धनराशि सीधे लाभार्थी को नहीं दी जा रही। योजना के तहत सिलाई मशीन बनाने वाली एक कंपनी से करार किया गया है। 19 हजार रुपये का चेक उक्त कंपनी भेज दिया जाता है। लाभार्थी को कंपनी से सिलाई मशीन लेनी होती है। समाज कल्याण विभाग द्वारा लाभार्थी को सिर्फ एक हजार रुपये का चेक दिया जाता है। जिससे कि वह काम शुरू करने के लिए सुई, धागा, कपड़ा आदि सामान खरीद सके। जिले में जिन 89 लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया है, उसमें से 60 महिलाएं हैं।