Cyber Crime: खातों से रकम निकाल बिट क्वाइन खरीदने वाले साइबर शातिरों का गैंग दबोचा
Cyber Crime किसान के नाम से सिम जारी कराके खाते से निकाले थे 5.50 लाख रुपये। दूसरों के नाम से सिम जारी करा नेट बैंकिंग चालू कराके खाते से निकालते थे रकम। सरगना हाथ नहीं आया उसकी तलाश जारी है।
आगरा, जागरण संवाददाता। बीटेक की पढ़ाई बीच में छोड़ शातिर ने अपना गैंग बना लिया। गैंग लोगों के नाम से दूसरी सिम जारी कराके उनके खाते से नेट बैंकिंग चालू कराता था। इसके बाद रकम को दूसरे खातों में ट्रांसफर करके उससे बिट क्वाइन खरीदता था। गिरोह ने डौकी के एक किसान के नाम से दूसरी सिम जारी कराके उसके खाते से साढ़े पांच लाख रुपये निकाल लिए। इसके बाद साढ़े तीन लाख रुपये के बिट क्वाइन खरीद लिए।रेंज साइबर थाने की टीम ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। सरगना हाथ नहीं आया, उसकी तलाश जारी है।
डौकी के नगला बेहड़ निवासी किसान संवर सिंह के खाते से पिछले साल जुलाई में साइबर शातिरों ने साढ़े पांच लाख रुपये निकाल लिए थे। बैंक जाने पर उन्हें रकम निकाले जाने का पता चला। पीड़ित ने रेंज साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। साइबर टीम ने जांच की तो पता चला कि नेट बैंकिंग से साढ़े पांच लाख रुपये हैदराबाद के एक बैंक खाते में भेजी गई थी। वहां से यह रकम फीरोजाबाद के दो बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी।
किसान ने पुलिस को बताया कि रकम निकाले जाने से सप्ताह पहले उसका सिम बंद हो गया था। उसने पड़ाेसी लवकुश की मदद से दूसरा सिम नंबर लिया। कुछ दिन बाद वह भी बंद हो गया। इस पर लवकुश सिम जारी कराया था। पुलिस को छानबीन मे पता चला कि सिम को स्वैप कराके नेट बैंकिंग चालू की गई थी। इसके बाद किसान के खाते से साढ़े पांच लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। पुलिस ने नेट बैंकिंग में प्रयुक्त किए गए नंबरों के आधार पर आरोपितों लवकुश और सूर्य प्रकाश निवासी डौकी और शिवम जादौन निवासी सिरसागंज फीरोजाबाद को गिरफ्तार कर लिया।
इंस्पेक्टर रेंज साइबर थाना राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि गैंग का सरगना बीटेक कर रहा सचिन है। वह सिकंदरा के केके नगर में किराए पर रहता था। उसने बीच में ही बीटेक की पढ़ाई छोड़ दी। इसी दौरान उनकी मुलाकात सचिन से हुई तो उसने साइबर ठगी का गैंग बना लिया। लोगों को राशन कार्ड आदि दस्तावेज बनवाने का झांसा देते थे। उनके आधार कार्ड की कापी लेते थे। जिन लोगों के खाते से रकम निकालनी होती थी। बैंक में रजिस्टर्ड उनके मोबाइल नंबर की सिम आधार कार्ड और ओटीपी से प्राप्त कराके जारी करा लेते थे।इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग चालू कराके खाते से रकम निकाल लेते थे। गिरोह ने बताया कि किसान के अलावा उन्होंने संजय प्लेस में कंप्यूटर हार्डवेयर का काम करने वाले जितेंद्र के खाते से 98 हजार रुपये निकाले थे।