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Acid Attack: एसिड अटैक पीड़िता को आर्थिक सहायता जल्दी मिलने की बंधी उम्मीद, विभाग ने फाइल को आगे बढ़ाया

Acid Attack बोदला की रहने वाली निशा वर्मा पर पति ने पौने दो साल पहले उड़ेल दिया था तेजाब। संबंधित विभाग में डेढ़ साल से पड़ी फाइल पर जम गई थी धूल। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद अधिकारियों ने संज्ञान में लिया मामला।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 10:11 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 10:11 AM (IST)
Acid Attack: एसिड अटैक पीड़िता को आर्थिक सहायता जल्दी मिलने की बंधी उम्मीद, विभाग ने फाइल को आगे बढ़ाया
बोदला की रहने वाली निशा वर्मा पर पति ने पौने दो साल पहले उड़ेल दिया था तेजाब।

आगरा, जागरण संवाददाता। एसिड अटैक पीड़िता निशा वर्मा को अब जल्दी आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद बंध गई है। उसे पौने दो साल पहले पति ने तेजाब से जला दिया था। आरोपित के जेल जाने और पिता की मौत के बाद पीड़िता आर्थिक तंगी से जूझ रही है। बच्चों को पालने के लिए दर-दर की ठोकर खा रही थी। एसिड अटैक पीड़िता काे मिलने वाली फाइल विभाग को भेजने के बाद वहां धूल खा रही थी। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेते उसकी फाइल को आगे बढ़ाया। इससे कि पीड़िता को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता मिलने का रास्ता साफ हो सके।

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ये है मामला

जगदीशपुरा के बोदला स्थित वैशाली नगर निवासी निशा वर्मा (23 साल) की शादी वर्ष 2015 में मुकेश वर्मा हुई थी। पति ने उन पर दबाव बनाकर प्रेम विवाह के लिए मजबूर किया था। उन्होंने इसे अपनी किस्मत मानकर शादी कर ली। यह सोचकर कि शादी के बाद मुकेश में बदलाव आ जाएगा ।वह चांदी का कारीगरी का काम करता है। दंपती के एक बेटा और एक बेटी है।निशा का पति से चार अप्रैल 2019 को विवाद हो गया। इससे नाराज पति ने उसके उपर तेजाब डाल दिया। इससे उसका चेहरा और पूरा शरीर झुलस गया। निशा के भाई ने उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपित पति को जेल भेज दिया। तेजाब से जलाई गई निशा का एसएन और दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में इलाज चला। एसिड अटैक में उसका एक कान और दाईं आंख खराब हो गई।

पाई-पाई की हो गई मोहताज

निशा वर्मा के पिता की तीन महीने पहले कैंसर से मौत हो गई। इससे उसकी आर्थिक स्थिति बदतर हो गई। उसे अपने बच्चों का दूध तक बंद करना पड़ा। हालात ये हैं कि उसे अपने और बच्चों की एक वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल साबित हो रहा है।

फाइल को आगे बढाने में यह था पेंच

एसिड अटैक पीड़िता को महिला मिलने वाली सहायता के लिए उसकी फाइल महिला सहायता प्रकोष्ठ से प्रस्ताव तैयार करके संबंधित विभाग को भेज दी गई। मगर, फाइल अभी तक आगे नहीं बढ़ सकी है।आर्थिक मदद की फाइल जिला अस्पताल से जिला प्रोबेशन अधिकारी के यहां भेजी गई थी। इसमें गलती से यह लिखना रह गया कि वह कितने फीसद जली है। निशा वर्मा के अनुसार डीपीओ कार्यालय और जिला अस्पताल द्वारा यह गलती सही करने के बाद उसे मदद मिलने का रास्ता साफ हो सकता है। एसएन के डाक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में उसे तेजाब से 55 फीसद जलना बताया है। जबकि सफदरजंग में डाक्टरो ने 70 फीसद जलना बताया है। 


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