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Jones Mill Case: आगरा की जनता ने लगाए जिला प्रशासन पर आरोप, जनप्रतिनिधियों से की हस्तक्षेप की मांग

Jones Mill Case जनता की गुहार जनप्रतिनिधियों के द्वार। पूर्व जांचें व उच्च न्यायालय के आदेश ताक पर रखकर प्रशासन कर रहा एक पक्षीय कार्रवाई। जोंस मिल संघर्ष समिति ने राज्यमंत्री सांसद महापौर और विधायकों से लगाई न्याय की गुहार दिया ज्ञापन।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 05:23 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 05:23 PM (IST)
जोंस मिल संघर्ष समिति ने राज्यमंत्री, सांसद, महापौर और विधायकों से लगाई न्याय की गुहार, दिया ज्ञापन।

आगरा, जागरण संवाददाता। जिला प्रशासन की जांच दिशाहीन और निराधार है। पूर्व जांचें और उच्च न्यायालय के आदेश ताक पर रखकर प्रशासन एक पक्षीय कार्यवाही कर रहा है। यह हजारों खाटू भक्तों की आस्था के केंद्र खाटू मंदिर के साथ-साथ 32 हजार गरीब-मजदूरों के आशियानों को उजाड़ने की साजिश है। यह कहना था जोंस मिल संघर्ष समिति से जुड़े व्यापारियों और क्षेत्रीय निवासियों का। वे बुधवार को प्रतिष्ठान बंद करके जनप्रतिनिधियों के द्वार न्याय की गुहार लगाने पहुंचे थे। उन्होंने इस क्रम में राज्य मंत्री चौधरी उदय भान सिंह, सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और राष्ट्रीय महापौर परिषद के अध्यक्ष महापौर नवीन जैन जी को ज्ञापन दिया। साथ ही, क्षेत्रीय विधायक योगेंद्र उपाध्याय और राम प्रताप सिंह चौहान जी से भी उनके निवास पर मुलाकात कर हक और न्याय की लड़ाई में साथ देने का अनुरोध किया।

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जनप्रतिनिधि आए साथ

महापौर नवीन जैन ने व्यापारियों से कहा कि प्रशासन की कार्यवाही गलत है। अगर खरीदने वाला भूमाफिया है तो बैनामा की प्रक्रिया में शामिल सारे अधिकारी भी भू माफिया की श्रेणी में आते हैं। उन पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए। सांसद एसपी सिंह बघेल ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष और लोकसभा में उठाने का आश्वासन दिया और कहा कि प्रशासन की जांच में चूक हुई है। विधायक रामप्रताप चौहान ने भी पूर्ण सहयोग का वादा करते हुए विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की बात कही। उन्होंने सवाल किया कि इससे पूर्व की जांच क्यों नहीं मानी जा रही हैं। विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आर्डर का हवाला देकर कहा कि इसमें क्रेता-विक्रेता का कोई दोष नहीं है। उन्होंने भूमि खरीदने और बेचने के लिए आवश्यक प्रपत्र दिए हैं और जरूरी कार्रवाई पूरी की है। 40 साल से प्रशासन पूर्ण फीस लेकर बैनामा कर रहा है। फिर उन्हीं बैनामों को अब किस आधार पर शून्य घोषित किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन द्वारा व्यापारियों को नोटिस देने और जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने पर आपत्ति जताई। राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने कहा कि शीघ्र ही जोंस मिल संघर्ष समिति और प्रशासन के साथ माथुर वैश्य सभागार में एक बैठक कर इस समस्या का हल किया जाएगा। उन्होंने व्यापारियों को यह भी जानकारी दी कि आज कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री के साथ ऑनलाइन हुई बैठक के बाद अधिकारियों को विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, राज्य मंत्री जी एस धर्मेश और उन्होंने मिलकर व्यापारियों के साथ न्याय करने की मांग की है।

ये रहे शामिल

इस दौरान संरक्षक बृजमोहन अग्रवाल, दयानंद नागरानी, मोहम्मद आरिफ, पंकज बंसल, हर्ष गुप्ता, ध्रुव वशिष्ठ, अतुल बंसल, अरुण गुप्ता, मनोज अग्रवाल, आनंद मंगल, विशाल बंसल, राजू राठौर और रविंद्र गोयल प्रमुख रूप से मौजूद रहे। 


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