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Winter Season: सर्दी में महंगे हुए गद्​दे, फोम के दाम में भी बढे़, जानिए कहां पहुंची है कीमत

Winter Season एक माह में गद्दों की कीमत में 20 फीसद की हुई बढ़ोतरी। अच्छी कंपनी का 10 हजार रुपये में मिलने वाला गद्दा अब 12 हजार रुपये का मिल रहा है। इसके पीछे कारण है फोम के दामों में तेजी आना।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 03:01 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 03:01 PM (IST)
Winter Season: सर्दी में महंगे हुए गद्​दे, फोम के दाम में भी बढे़, जानिए कहां पहुंची है कीमत
एक माह में गद्दों की कीमत में 20 फीसद की हुई बढ़ोतरी।

आगरा, जागरण संवाददाता। महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है। अब सर्दी में आराम दायक नींद के लिए भी लोगों को अधिक दाम चुकाने होंगे। फोम के दामों में लगातार बढ़ोतरी से गद्​दे के दाम भी बढ़ गए हैं। फोम से बनने वाले आइटम के दामों में बढ़ोतरी हुई है।

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सर्दी का आगाज हो चुका है। ऐसे में जो लोग रजाई- गद्दे खरीदने के लिए बाजार में आ रहे हैं। मगर, दुकान पर गद्दों के दाम सुनकर लोगों को झटका लग रहा है। पिछले एक माह में गद्दों के दामों में 20 फीसद तक की तेजी आई है। अच्छी कंपनी का 10 हजार रुपये में मिलने वाला गद्दा अब 12 हजार रुपये का मिल रहा है। इसके पीछे कारण है फोम के दामों में तेजी आना। आगरा फर्नीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष हीरेन अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक माह में फोम के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी आई है। इसका कारण फोम बनाने में प्रयोग होने वाला कच्चा माल के दामों में तेजी आना है। फोम बनाने वाला माल बड़ी मात्रा में चीन से आता था, लेकिन अब वहां से सप्लाई नहीं हो रही है। इस कारण फोम के दाम बढे़ हैं। फोम का इस्तेमाल सोफा बनाने में भी होता है। ऐसे में सोफे के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है।

रुई के गद्​दे के दाम भी बढे़

फोम के अलावा रुई के गद्दों के दामों में भी तेजी आई है। रजाई के फर्द से लेकर रुई, धुनाई और भराई के रेट बढ़ गये हैं। रुई के व्यापारी कहते हैं कि इस बार पिछले साल के मुकाबले रुई के दाम 10 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इसी तरह भराई का भी रेट बढ़ा है। रजाई और गद्दा में धागा डालने के लिए भी ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहा है। धागा डालने का रेट 70 रुपये हो गया है।

दो हजार से 20 हजार तक के गद्दे

बाजार में दो हजार रुपये से 20 हजार रुपये तक के गद्दे मौजूद हैं। गद्दों का काम करने वाले व्यापारी धीरज ने बताया कि आठ से 15 हजार रुपये तक के गद्दों की मांग अधिक रहती है। दाम बढ़ने से लोगों का बजट गड़बड़ा रहा है। अभी ये तेजी बनी रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पहले ब्रांडेड व अनब्रांडेड गद्​दो की कीमत में 50 फीसद तक का अंतर रहता था, लेकिन कच्चे माल की कीमत बढ़ने से बिना ब्रांड वाले गद्​दों की कीमत में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। अब ब्रांड और बिना ब्रांड के गद्​दो की कीमत का अंतर घटकर 25 फीसद तक रह गया है। 


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