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Make Small Strong: कैंची-कंघा छोड़कर अपनाई नई तकनीक, परमार को मिली शोहरत की दौलत

आगरा में गर्ल्‍स एंड गॉयज पार्लर ने नवीन तकनीकों के प्रयोग से लुक में नए बदलाव किए हैं। ये पहला ऐसा पार्लर था जहां कंप्‍यूटर पर चेहरे के अनुरूप पर अच्‍छी लगने वाली हेयर स्‍टाइल दी जाती है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 10:53 AM (IST)
संजय प्‍लेस में गर्ल्‍स एंड गॉयज हेयर सैलून। फोटो: जागरण

आगरा, प्रभजोत कौर। हम तो किताबों में रमे थे। पिताजी का हेयर कटिंग सैलून था। एक छोटी सी दुकान में कैंची-कंघा और सामने रखा शीशा। पिताजी के साथ हादसे ने हमें इसी सैलून पर बैठने को मजबूर कर दिया। परिवार की जिम्मेदारी निभानी थी, सो इस क्षेत्र में ही खुद को स्थापित करने का जुनून चढ़ गया। हेयर कटिंग के लिए जब कोई ट्रेनिंग की सोच भी नहीं सकता था, तब मैंने दिल्ली में हेयर कटिंग की नई स्टाइल सीखी। ग्राहकों को कंप्यूटर पर उनकी हेयर स्टाइल दिखाकर हाथ चलाए तो शोहरत मिलने लगी। ये कैंची और कंघा की नई तकनीक और ग्राहकों के विश्वास का नतीजा है कि हेयर कटिंग में दौलत परमार अब किसी परिचय का मोहताज नहीं है।

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मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले दौलत परमार बताते हैं कि पिता सालों पहले आगरा आकर बस गए थे। घटिया आजम खां क्षेत्र में अपना हेयर कटिंग सैलून खोला। 1988 में उनका एक्सीडेंट हुआ और कूल्हे में फ्रेक्चर से उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया। तब मैं 14 साल का था, कक्षा नौ में पढ़ता था। परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए पिता जी का सैलून संभाल लिया। कुछ समय बाद मैंने इसी क्षेत्र में कुछ नया करने की सोची। मैंने ट्रेङ्क्षनग ली और नई तकनीक पर अमल करने लगा।

कंप्यूटर पर पसंद करते हैं हेयर स्टाइल

दौलत बताते हैं कि 1992 में संजय प्लेस में पार्लर खोला। देखते ही देखते काफी शोहरत मिली। 1995 में आगरा में कंप्यूटर पर बालों की स्टाइल देखकर कङ्क्षटग करने का चलन शुरू किया। ग्राहकों ने इसे काफी पसंद किया। 2004 में होटल होली डे इन में पार्लर खोला। दस साल तक यह पार्लर काफी अच्छा चला।

शुरु किया पहला ब्रांडेड सैलून

दौलत परमार ने शहर का पहला ब्रांडेड सैलून लैक्मे के साथ मिलकर शुरू किया। हालांकि इस काम में ज्यादा सफलता नहीं मिली और सैलून को बंद करना पड़ा। बकौल दौलत, उसके बाद कमलानगर में एक पार्लर खोला, जो आज भी ग्राहकों का पसंदीदा है। वर्तमान में संजय प्लेस और कमलानगर के अलावा दयालबाग में भी पार्लर है। दौलत अब तक 100 से ज्यादा लड़कियों को ट्रेङ्क्षनग भी दे चुके हैं। यह लड़कियां अब अपने-अपने स्तर आत्मनिर्भर हो गई हैं।

बेटे ने संभाली जिम्मेदारी

दौलत परमार के बेटे ने अपने दादा और पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए दिल्ली के लारियल इंटरनेशनल स्कूल से हेयर कटिंग का प्रशिक्षण लिया। अब पिता के साथ तीनों पार्लर संभाल रहा है।

घंटों इंतजार करते हैं ग्राहक

इतने सालों में अपने ग्राहकों की हर पसंद को समझने वाले दौलत परमार अगर अपने पार्लर पर नहीं होते हैं, तो ग्राहक घंटों इंतजार करते हैं उनसे बाल कटवाने के लिए। आज भी दौलत नई तकनीक और नई स्टाइल से खुद को अपडेट करते रहते हैं।

लाकडाउन में शुरू की होम सर्विस

लाकडाउन का समय काफी मुश्किलों भरा था। पार्लर बंद थे, ग्राहक आने से डर रहे थे। इसलिए उन्होंने अपने पुराने ग्राहकों के लिए होम सर्विस शुरू की। पार्लर पर भी सुरक्षा के सारे उपाय अपनाए जा रहे हैं। सैनिटाइजेशन से लेकर शू कवर तक ग्राहकों को दिए जाते हैं। 


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