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Inner Ring Road Scam: अन्नदाता की फरियाद दरकिनार, बेनकाब नहीं हो सके जिम्मेदार

Inner Ring Road Scam इनररिंग रोड जमीन अधिग्रहण घोटाले के जिम्मेदार अफसरों पर अब नहीं हाे सकी कार्रवाई। आगरा-फिरोजाबाद हाईवे से ग्वालियर हाईवे के बीच विकसित हो रही इनररिंग रोड के लिए वर्ष 2011 में जमीन अधिग्रहण हुआ था।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 03:05 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 03:05 PM (IST)
इनररिंग रोड के लिए वर्ष 2011 में जमीन अधिग्रहण हुआ था।

आगरा, जागरण संवाददाता। किसानों की जमीन सस्ते दाम पर अपने करीबियों को दिलवा कर मोटा मुनाफा कमाने वाले अफसरों पर अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। किसान कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब किसानों ने ऐलान कर दिया है कि घाेटाले के आरोपी अफसरों को यदि कार्रवाई नहीं की गई तो वह हजारों की संख्या में एकत्रित होकर घुटने के बल चलकर प्रदर्शन करेंगे।

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आगरा-फिरोजाबाद हाईवे से ग्वालियर हाईवे के बीच विकसित हो रही इनररिंग रोड के लिए वर्ष 2011 में जमीन अधिग्रहण हुआ था। तत्कालीन प्रशासन और आगरा विकास प्राधिरकण के कई अधिकारियों ने इससे पहले ही किसानों की जमीन को सस्ते दामों पर अपने रिश्तेदारों और करीबियों को दिया दिया। इसके बाद सरकार से चार गुना मुआवजा वसूला। किसान लगातार इसकी शिकायत करते रहे। कई किसानों को उचित मुआवजा भी नहीं मिला। मुख्यमंत्री, राज्यपाल से लेकर प्रधानमंत्री तक से इसकी शिकायत की। इसके बाद अधिकारियों की नींद टूटी। वर्ष 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार के आदेश पर इस मामले की अपर जिलाधिकारी प्रशासन निधि श्रीवास्तव से इसकी जांच कराई गई। इसमें जमीन अधिग्रहण घोटाले का खुलासा तो हुआ लेकिन उन्होंने जिम्मेदार अफसरों के नाम नहीं खोले। इससे गुस्साए किसानों ने भूख हड़ताल कर दी। इसके बाद से इस मामले की विस्तृत जांच कराई गई। इसमें नाम तो खोले गए लेकिन उन जिम्मेदार अधिकारियों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि दोषी अधिकारियों पर जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो जिले के हजारों किसान घुटने के बल चलकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। 


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