School Reopen in Unlock: PAPA ने डीएम को लिखा पोस्टर, स्कूल खोलना ठीक नहीं, सामने खड़ी हैं ये चुनौतियां
School Reopen in Unlockसैकड़ों अभिभावकों ने पोस्टकार्ड पर संदेश लिखा कि पोस्टकार्ड बोलेगा कोई अपने बच्चो को स्कूल नही भेजेगा। इन पोस्टकार्ड को भेजकर अभिभावक ने मांग की कि देश मे कोविड-19 के मामले शून्य होने तक स्कूल न खोले जाएं।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बीच 15 अक्टूबर से स्कूल-कोचिंग खोलने की तैयारी है। लेकिन इस फैसले से अभिभावक नाराज हैं। रविवार को प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) के आह्वान पर सभी शहीद स्मारक में जुटे और स्कूल खोलने की गाइडलाइन का कड़ा विरोध जताया। साथ ही जिलाधिकारी के नाम पोस्ट कार्ड लिखकर स्कूल न खोलने की अपील की।
सैकड़ों अभिभावकों ने पोस्टकार्ड पर संदेश लिखा कि "पोस्टकार्ड बोलेगा, कोई अपने बच्चो को स्कूल नही भेजेगा"। इन पोस्टकार्ड को भेजकर अभिभावक ने मांग की कि देश मे कोविड-19 के मामले शून्य होने तक स्कूल न खोले जाएं। यदि उन्हें खोला गया, तो विरोध किया जाएगा। अश्वनी गौतम, अभय मेहरा, अमित अग्रवाल, विवेक गर्ग, सतीश तिवारी, शकंर माहेश्वरी, आशा रावत, वीणा अग्रवाल, नितिन गुप्ता आदि मौजूद रहे।
अभिभावकों ने जताया आक्रोश
विवेक रायजादा का कहना था कि केंद्र ने राज्य पर, जबकि राज्य सरकार ने जिला प्रसासन पर निर्णय छोड़ा है। अब अधिकारी स्कूल पर मामला छोड़ेंगे और स्कूल खुल जाएंगे। ऐसे में आशंका है कि स्कूलों को जबरन फ़ीस वसूलने का मौका मिल जाएगा।
गौरव अरोड़ा का कहना था कि स्कूल अभिभावकों से लिखित सहमति लेकर बच्चों को स्कूल बुलाएंगे और बच्चेे संक्रमित हुए, तो हाथ खड़े कर देंगे। भुगतना अभिभावकों को ही होगा।
पंकिल गर्ग ने कहा कि अभिभावकों को मूर्ख न समझें। आपदा को अवसर बनाया, तो अभिभावकों का आक्रोश झेलना होगा। मनोज शर्मा का कहना था इस आदेश से हम निराश और आक्रोशित हैं। निर्णय नही बदला, तो संगठन स्कूल खोलने का विरोध करेगा।
स्कूल खोलने को लेकर है ये चुनौतियां
- हर बच्चे से कोविड गाइडलाइन्स का पालन करवाना मुश्किल भरा काम होगा।
- छोटे स्कूलों के पास संसाधनों की कमी। सैनिटाइजेशन, एक-एक बच्चे की थर्मल स्कैनिंग करना होगा मुश्किल।
- बच्चों के ट्रांसपोर्टेशन में आएगी समस्या। बसों, वैन, स्कूल रिक्शों में सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा चुनौतीपूर्ण।
- सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्रशासनिक लापरवाही की रहेगी आशंका, हर स्कूल की मॉनिटरिंग करना भी होगा मुश्किल।
- स्कूल खुलने से लेकर इंटरवल और छुट्टी के वक्त बच्चों की भीड़ को मैनेज करना आसान नहीं होगा।