अजब− गजब: मिलिए आगरा के गजब शाैकीन से, जिन्होंने Lucky Number को बना लिया अपनी पहचान
Different Hobby सदर निवासी सौरभ जसोरिया ने 50 बार गाड़ियाें पर लिया 0003 नंबर। इंडिया बुक और वल्र्ड ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है उनका रिकॉर्ड।
आगरा, गौरव भारद्वाज। हर किसी का कोई न कोई लकी नंबर होता है। ताजनगरी में भी ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अपने लकी नंबर को अपनी पहचान बना ली है। आगरा के सदर बाजार निवासी होटल व्यवसायी को भी नंबरों का ऐसा शौक लगा कि अपने लकी नंबर की एक-दो नहीं, बल्कि 50 गाडिय़ां खरीद लीं। इतना ही नहीं मोबाइल और घर का फोन नंबर भी गाडिय़ों के नंबर वाला ही है। उनका यह शौक अब उनकी पहचान बन गया है। अब यह रिकाॅर्ड में दर्ज हो गया है।
सदर में नंद सिनेमा के पास रहने वाले सौरभ जसोरिया नंबरों के शौकीन हैं। वो अपने लिए तीन नंबर को लकी मानते हैं। ऐसे में उन्होंने इस नंबर को अपनी जिंदगी में ही शामिल कर लिया। उन्होंने बताया कि उन पर छह लग्जरी गाडिय़ां हैं, सबके नंबर 0003 हैं। तीन नंबर उनका लकी नंबर है। उनका जन्मदिन भी तीन जनवरी है। दिसंबर 2006 में उन्होंने लकी अंक को गाड़ी के नंबर में बदलने का सिलसिला शुरू किया। इसके बाद जो भी गाड़ी खरीदी उसका नंबर 0003 ही रहा। पिछले 12 साल में उन्होंने 50 गाडिय़ां खरीदीं, इन सभी गाडिय़ों का नंबर एक ही रहा। उन्होंने 2018 में सबसे ज्यादा वीआइपी नंबर के रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड बनाया है। यह रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है।
ई सीरीज में सभी नंबर लिए
सौरभ जसोरिया ने बताया कि इस समय आरटीओ में नंबर की ई सीरीज चल रही है। सीरीज में 26 एल्फावेट होते हैं। इसमें आइ, ओ, जी और टी अक्षर आम लोगों को आवंटित नहीं किए जाते हैं, इस प्रकार 22 अक्षर आवंटित होते हैं। जी सीरीज में ईबी 0003 से ईजेड 0003 तक के गाड़ी नंबर उनके व उनके बेटे और पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। एक ही सीरीज के सभी 22 नंबर लेने का रिकॉर्ड बनाया है। वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हो चुका है। कोरोना के चलते वो अवार्ड सेरेमनी नहीं हो पाया है। इसके अलावा इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी उनका नाम दर्ज है।
फोन नंबर भी 0003
इसके अलावा उनके घर में नौ मोबाइल हैं, सबके अंत में 00003 है। दो लैंड लाइन नंबर भी अंत में 0003 वाले है। उन्होंने बताया कि तीन नंबर उनकी और उनके परिवार की पहचान बन गया है। वो अपने शुभ काम तीन तारीख को ही करते हैं।
786 नंबर है हिमांशु की पहचान
सौरभ के अलावा नंबरों के और भी शौकीन हैं। सदर निवासी रेस्टोरेंट संचालक हिमांशु सचदेवा के पास 0786 नंबर की तीन गाडिय़ां हैं। हिमांशु ने बताया कि जब पहली गाड़ी खरीदी थी तो उन्हें मनपसंद नंबर नहीं मिला। मगर, उन्हें 0786 नंबर मिल रहा था, तो इसे ले लिया। उनका मानना है कि इस नंबर के बाद उनकी जिंदगी में बदलाव आया तो उन्होंने इसके बाद जो भी गाड़ी लीं उनका नंबर 0786 ही लिया।
एक नंबर के नोटों का क्रेज
भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त प्रबंधक प्रकाश चंद शर्मा को भी नंबरों का क्रेज है। प्रकाश शर्मा ने बताया कि एक दिन उनको 100 का नोट मिला जिसका सीरियल नंबर 111111 था। उन्होंने इसे अपने पास रख लिया। इसके बाद उन्होंने ऐसे नोटों को एकत्रित करने की सोची। बैंक में होने के कारण उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई। बस जब भी कोई नई सीरीज आती तो वो ऐसे नोटों की तलाश में जुट जाते। करीब छह महीने में उन्होंने 10, 100 और 500 के एक ही नंबर वाले नोटों का संग्रह कर लिया। इसके अलावा अब वो 000786 नंबर के नोटों का संग्रह कर रहे हैं। नोट बंदी के दौरान भी उन्होंने यह 500 और एक हजार के नोट नहीं बदले।
आठ अठ्ठों का क्रेज
आगरा के कोचिंग संचालक मुकेश यादव को अपने मोबाइल नंबर में आठ नंबर का क्रेज है। मुकेश ने बताया कि उनके पास तीन नंबर हैं, जिनमें आठ नंबर आठ बार हैं।