To Stop Kidnapping: गुमशुदगी और अपहरण की वारदात रोकने को आगरा के आइजी ने बनाई एसओपी
To Stop Kidnapping कानपुर और गोरखपुर की घटना से सतर्क हुए हैं अधिकारी। आइजी ने रेंज के पुलिस अधिकारियों को एसओपी भेजी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कानपुर और गोरखपुर में अपहरण के बाद हत्या के मामलों में पुलिस कटघरे में आ गई है। पुलिस अधिकारियों पर गाज भी गिर गई। पुलिस की सतर्कता से ही ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है। आइजी ए सतीश गणेश ने गुमशुदगी और अपहरण की घटनाओं के लिए स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी बनाई है। उन्होंने रेंज के सभी पुलिस अधिकारियों को एसओपी भेजकर इसका पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बेहतर प्लानिंग से सफल रहे मामलों का उदाहरण भी दिया है।
यह है एसओपी
-सूचना मिलते ही थाना प्रभारी तत्काल मुकदमा दर्ज करें। इसके बाद एसएसपी सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी दें।
-अपहृत अथवा गुमशुदा व्यक्ति के हुलिया, पता, फोटो, घटना स्थल, मित्र और रिश्तेदारों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाए।
-नाबालिग के गुमशुदा होने की सूचना तत्काल सोशल मीडिया और मीडिया में दी जाए।
-जनपद के यूपी 112 की पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी इसकी सूचना दी जाए।
-सूचना मिलते ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल और आस-पास के बाजार में तलाश कराई जाए।
-एसपी या एसएसपी खुद लापता के परिजनों से बातचीत करके घटना की गंभीरता का आंकलन करें। उसके बाद अपने विवेक से दिशा निर्देश जारी करें।
-किसी गिरोह पर शक हो तो उसकी घेराबंदी के लिए एक से अधिक टीमें बनाई जाएं। अपहृत के परिजनों से पुलिस लगातार संपर्क में रहे। उन्हें यह जानकारी देती रहे कि पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है। जो बातें नहीं बताने की हैं उन्हें गोपनीय रखे।
-घटना को छिपाने का कोई प्रयास नहीं किया जाए। अल्पीकरण इस मामले में घातक साबित हो सकता है। फिरौती के लिए कोई फोन आया है तो तत्काल उच्च अधिकारियों को इससे अवगत कराया जाए।
ये हैं आगरा रेंज के सफल मामले
- भगवान टॉकीज से अपहृत फिरोजाबाद के अधिवक्ता अकरम अंसारी की सकुशल रिहाई।
- मथुरा से लेखपाल के चार वर्षीय बेटे का अपहरण।
- साड़ी कारोबारी के बेटे की नागपुर से बरामदगी।
- मैनपुरी में 28 जुलाई को लापता कक्षा सात के छात्र की बरामदगी।