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Interest of Youths: इंडियन म्यूजिक और Painting में कम होती जा रही है ताजनगरी के युवाओं की रूचि

आंबेडकर विवि की प्रवेश प्रकिया में कुछ पाठ्यक्रमों में आए एक-एक आवेदन। कला और विज्ञान में ज्यादा रूचि 31 अगस्त है अंतिम तिथि अब तक 20 हजार से ज्यादा हुए आवेदन।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 10:03 AM (IST)
Interest of Youths: इंडियन म्यूजिक और Painting में कम होती जा रही है ताजनगरी के युवाओं की रूचि
Interest of Youths: इंडियन म्यूजिक और Painting में कम होती जा रही है ताजनगरी के युवाओं की रूचि

आगरा, प्रभजोत कौर। डा. भीमराव आंबेडकर विवि में 2020-21 सत्र के लिए चल रही प्रवेश प्रक्रिया में पंजीकरण का आंकड़ा हर रोज बढ़ रहा है। कला, विज्ञान, बीबीए, बीसीए जैसे पाठ्यक्रमों में जहां विद्यार्थियों की काफी रूचि है, वहीं कुछ कोर्स एेसे भी हैं जहां अभी तक केवल एक आवेदन से ही खाता खुला है।

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25 जुलाई से विवि ने वेबसाइट पर प्रवेश के लिए आवेदन और पंजीकरण की विंडो खोली है। छह दिनों में 20893 पंजीकरण, 19003 अभ्यर्थियों की फीस, 18190 फॉर्म भरे जा चुके हैं। कला और विज्ञान में आवेदन करने वालों की संख्या जहां छह और पांच हजार से ज्यादा है। वहीं कुछ पाठ्यक्रमों में अब तक केवल एक-एक आवेदन ही हुए हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है, इसलिए विवि प्रशासन संख्या बढ़ने की उम्मीद लगा रहा है।

इन पाठ्यक्रमों में हैं एक आवेदन

- डिप्लोमा इन स्कल्पचर

- डिप्लोमा इन परफॉर्मिंग आर्ट

- सर्टिफिकेट इन पेटिंग

- सर्टिफिकेट इन एप्लाइड आर्ट

- सर्टिफिकेट इन स्कलपचर

- सर्टिफिकेट इन इंडियन म्यूजिक

- बीवॉक प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी

- सर्टिफिकेट इन डेयरी प्रोडक्ट

- सर्टिफिकेट इन प्लांट नर्सरी एंड प्रोपेगेशन टेक्नोलॉजी

- सर्टिफिकेट इन अॉर्गेनिक फॉर्मिंग एंड अॉर्गेनिक प्रोडक्ट

- सर्टिफिकेट इन एग्री फूड प्रोसेसिंग

- सर्टिफिकेट इन एग्री एंटरप्रिन्योरशिप एंड मैनेजमेंट

- सर्टिफिकेट इन योगा, मेडिटेशन, हैप्पीनेस एंड वेलनेस

- बीवॉक एनालिटिकल इंस्ट्रूमेनटेशन

कम आवेदन से आती हैं दिक्कतें

जिन पाठ्यक्रमों में कम आवेदन होते है, उन्हें संचालित करने में दिक्कतें आती हैं। सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों के साथ समस्या ज्यादा है क्योंकि उन्हें फीस में से ही शिक्षक का मानदेय व अन्य खर्चे भी निकालने होते हैं। कम आवेदन की वजह से विगत वर्षों में भी कई कोर्स बंद हो चुके हैं।


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