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Lady Don: दस हजार की इनामी महिला गैंगस्टर गिरफ्तार, डेढ़़ साल से दे रही थी चकमा

जगदीशपुरा पुलिस ने किया गिरफ्तार डेढ़ साल से थी वांछित। वर्ष 2016 में छह साथियों के साथ चोरी में गयी थी जेल।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 08:45 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 09:30 AM (IST)
Lady Don: दस हजार की इनामी महिला गैंगस्टर गिरफ्तार, डेढ़़ साल से दे रही थी चकमा
Lady Don: दस हजार की इनामी महिला गैंगस्टर गिरफ्तार, डेढ़़ साल से दे रही थी चकमा

आगरा, जागरण संवाददाता। है तो महिला लेकिन उसकी कारगुजारियां अलग हैं। कारनामे ऐसे कि अच्‍छे खासे बदमाश पीछे छूट गए। डेढ़ साल से इस 10,000 की इनामी लेडी डॉन की आगरा पुलिस को तलाश थी। जगदीशपुरा पुलिस ने शुक्रवार को इस इनामी महिला गैंगस्टर को गिरफ्तार कर लिया है। बीच में पुलिस से बचने के लिए वह आगरा छोड़कर चली गयी थी।

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जगदीशपुरा पुलिस ने बताया गिरफ्तार महिला गैंगस्टर शबनम उर्फ कुसुमा निवासी मोहल्ला नगला खुशहाली शाहगंज है। पुलिस ने उसे नगला खुशहाली में उसके डेरे से गिरफ्तार किया है। उस पर दस हजार रुपये का इनाम घोषित था। शबनम अौर उसके छह साथियों को पुलिस ने वर्ष 2018 में जगदीशपुरा इलाके में चोरियों के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा था। जमानत पर छूटने के बाद वह गायब हो गयी। पुलिस ने शबनम समेत सभी छह लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। उसके बाकी साथियों को पुलिस गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी थी। सिर्फ शबनम वांछित रह गयी थी।

शबनम ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि चोरी की घटनाओं के दौरान गैंग के साथ रहती थी। इससे कि चेकिंग के दौरान पुलिस गिरोह पर शक न करे। महिला साथ में होने के चलते गिरोह कई बार पुलिस चेकिंग के दौरान बचकर निकलने में सफल रहा था। गिरोह के लोग दिन में घरों और दुकानों की रेकी करते थे। जिन घरों में दिन और रात दोनों समय ताला लगा मिलता उसे निशाना बनाते थे। इंस्पेक्टर जगदीशपुरा बैजनाथ सिंह ने बताया कि गैंगस्टर शबनम उर्फ कुसुमा को जेल भेजा गया है।

मुंबई और नागपुर में काटी फरारी

पुलिस के पूछताछ करने पर शबनम ने बताया कि वह जमानत पर छूटने के बाद पुलिस से बचने के लिए मुंबई चली गयी थी। वहां अपने रिश्तेदारों के यहां रही। इसके बाद वह कई महीने तक नागपुर में रही। वह डेढ़ साल बाद लौटकर आयी, उसे लगा था कि पुलिस अब उसे भूल गयी होगी। उसे यह पता होता कि पुलिस उसे दोबारा खोज निकालेगी तो वह कभी आगरा लौटती ही नहीं।


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