Move to Jagran APP

Lunar and Solar Eclipse 2020: बहुत महंगी पड़ सकती हैं ग्रहणकाल की गलतियां, ये है वजह

Lunar and Solar Eclipse 2020 ग्रहण के वक्‍त वायरस होते हैं अपनी चरम सीमा पर। कई पीढियों तक को पहुंच सकता है नुकसान।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 04:39 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 01:02 AM (IST)
Lunar and Solar Eclipse 2020: बहुत महंगी पड़ सकती हैं ग्रहणकाल की गलतियां, ये है वजह
Lunar and Solar Eclipse 2020: बहुत महंगी पड़ सकती हैं ग्रहणकाल की गलतियां, ये है वजह

आगरा, तनु गुप्‍ता। ग्रहण का समय कभी भी अच्‍छा नहीं बताया जाता। धर्म और विज्ञान दोनों ही मान्‍यताओं में ग्रहण के काल काेे बहुत ही एहतियात के साथ गुजारने की सलाह दी जाती है। यहां तक कि खगोल विशेषज्ञ भी ग्रहण के दौरान की गतिविधियों को यंत्रों के माध्‍यम से ही देखते हैंं। खुली आंखों से देखने से वे खुद भी बचते हैं और लोगों को भी बचने की अपील करते हैं। ग्रहण काल पर शोध करने वाले धर्म विज्ञान शोध संस्‍थान, उज्‍जैन के निदेशक डॉ जे जोशी ने ग्रहण काल के प्रभावों के बारे में जानकारी दी।

loksabha election banner

फोन पर हुई बातचीत में डॉ जे जोशी ने बताया कि सनातन विज्ञान के अनुसार ग्रहणकाल में आने वाले दस वर्षों के परिवर्तनों का निर्धारण होता है। इस वर्ष कुछ समय के अंतराल में ही छह ग्रहण पड़ेंगे। एक ग्रहण 10 जनवरी को पड़ चुका है जबकि तीन जून- जुलाई में पड़ने वाले हैं। पांच जून को चंद्र ग्रहण, 21 जून को सूर्य ग्रहण और पांच जुलाई को चंद्र ग्रहण पड़ेगा।

ग्रहण न देखने के पीछे ये है कारण

इस दौरान लोगों से घर के अंदर ही रहने को कहा जाता है। कोई गलती से भी इस खगोलीय घटनाक्रम को आंखों से न देखे। इस समय सूर्य का प्रकाश पृथ्‍वी पर न आने के कारण बैक्टीरिया वायरस से सेल डिवीज़न करते हैं। आंखों पर दुष्‍प्रभाव पड़ता है। उम्र भर के लिए कई रोग घेर लेते हैं। त्‍वचा रोग हो जता है। ग्रहण के समय खुले में रखा भोजन विषाक्‍त हो जाता है। इसी वजह से ग्रहण के समय भोजन करने की मनाही होती है। इस दौरान एक दूसरे को छूने से भी वायरस पनप सकते हैं, इसलिए शारीरिक दूरी का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। मुंह- हाथ छूने से बचना चाहिए।

हो सकता है यौवन तक समाप्‍त

डॉ जे जोशी के अनुसार ग्रहण काल में बाहर निकलने से जैनेटिक परिवर्तन होते हैं। जिससे व्‍यक्ति का यौवन समाप्‍त हो जाता है। जल्‍दी उम्र में बूढा होने लगता है। झुर्रियां पड़ने लगती हैं। मेकअप में कैमिकल रिएक्‍शन तक हो जाते हैं। शरीर की आंतरिक शक्ति क्षीण होती है। इसलिए कहा गया है कि यात्रा ग्रहण दृश्‍यते, न अपि गच्‍छयते। पाप असुर प्रभावित:, हरनाम सदा जीवानाम।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.