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Lockdown 4: श्रमिक स्पेशल में गूंजी छोटी ‘लक्ष्मी’ की किलकारी, महिलाओं ने बढ़ाया मदद को हाथ

राजस्थान निकलने पर हुई प्रसव पीड़ा महिला यात्रियों का सहयोग। बडो़दरा में ईंट पथाई का काम करने वाला परिवार लौट रहा था घर।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 03:03 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 03:03 PM (IST)
Lockdown 4: श्रमिक स्पेशल में गूंजी छोटी ‘लक्ष्मी’ की किलकारी, महिलाओं ने बढ़ाया मदद को हाथ
Lockdown 4: श्रमिक स्पेशल में गूंजी छोटी ‘लक्ष्मी’ की किलकारी, महिलाओं ने बढ़ाया मदद को हाथ

कासगंज, जिज्ञासु वशिष्‍ठ रफ्तार से दौड़ती ट्रेन। प्रवासियों की भीड़। कइयों की रात तो घर पहुंचने के इंतजार में कटी लिहाजा सुबह आठ बजे आंखे भी उनींदी थी। इस दौरान ट्रेन में सवार लक्ष्मी के प्रसव पीड़ा हुई तो साथ बैठा पति परेशान हो गया। सहयात्री भी चिंतित थे अब क्या होगा? ऐसे में गांव की महिलाओं ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। दौड़ती रेल में ही छोटी लक्ष्मी की किलकारी गूंजी तो हर किसी के चेहरे खिल गए।

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गंजडुंडवारा के गांव बनैल निवासी सुनील अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ में सात महीने पहले गुजरात गया था। यहां पर भट्टे पर ईंट पथाई का काम करते थे। लॉकडाउन में फंसे तो काम भी बंद हो गया। भट्टा मालिक ने भी मजदूरों को वापस भेजना शुरू कर दिया। बड़ोदरा से चलने वाली श्रमिक स्पेशल से सुनील एवं उसकी पत्नी की टिकट बुधवार रात की बनी तो सुनील परेशान हो गया। पत्नी गर्भवती थी तथा प्रसव की तिथि नजदीक थी, लेकिन वहां पर रुकने की व्यवस्था नहीं थी। मालिक ने कह दिया कि टिकट बन गई है तो जाना ही पड़ेगा। ऐसे में वह शाम पांच बजे बड़ोदरा स्टेशन पहुंच गया। रात में ट्रेन चलने तक सब ठीक था, लेकिन गुरुवार तड़के पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी। आठ बजे करीब ट्रेन राजस्थान सीमा से निकली तो लक्ष्मी की हालत बिगड़ने लगी। ऐसे में सुनील के गांव के ही पूजा एवं सरिता के साथ एक अन्य महिला लक्ष्मी को गैलरी में ले गई। पुरुष यात्रियों को अलग जाने के लिए कहा। कुछ देर बाद जब बच्चे की किलकारी गूंजी तो हर कोई मुस्कुरा उठा। लॉकडाउन में सही परेशानियों के दर्द बच्ची का चेहरा देख कर काफूर हो गए।

कासगंज में कराया अस्पताल में भर्ती 

दोपहर साढ़े 12 बजे ट्रेन कासगंज स्टेशन पर रुकी तो बोगी में बच्चे की जन्म की जानकारी मिलने पर सीएमओ डॉ.प्रतिमा श्रीवास्तव ने एंबुलेंस मंगाकर लक्ष्मी एवं बच्चे को अस्पताल भेजा। जहां पर उनकी हालत ठीक बताई जाती है।

कई महिलाओं ने बना ली थी दूरी 

सुनील बताता है कि गांव की महिलाओं की वजह से मदद मिल गई, नहीं तो कोरोना के चलते ट्रेन में मौजूद अन्य महिलाएं तो पास भी नहीं आईं।

बुजुर्ग की बिगड़ी हालत, स्टेशन से भेजा अस्पताल 

वहीं श्रमिक स्पेशल में 50 वर्षीय रामौतार पुत्र तोड़ीलाल की भी तबियत बिगड़ गई। गंजडुंडवारा निवासी रामौतार भी लॉकडाउन में गुजरात में फंस गए थे। ट्रेन में अचानक उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

‘ट्रेन में लक्ष्मी नाम की महिला ने बच्ची को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा दोनो सुरक्षित हैं, इन्हें अस्पताल भिजवाया है। वहीं एक बुजुर्ग की हालत बिगड़ने पर उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया है।’

-चंद्रप्रकाश सिंह

जिलाधिकारी 


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