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Environment: 2020 में 2019 से स्वच्छ रही हवा, फिर भी मानक से अधिक धूल कण

सीपीसीबी द्वारा जारी रिपोर्ट से सामने आई स्थिति। मानक से अधिक रही पीएम2.5 व पीएम10 की मात्रा। सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मानक से अधिक रही अति सूक्ष्म कणों और धूल कणों की मात्रा। लाक डाउन में औद्योगिक और मानवीय गतिविधियों ने वायु प्रदूषण को थाम दिया।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 05:21 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 05:21 PM (IST)
Environment: 2020 में 2019 से स्वच्छ रही हवा, फिर भी मानक से अधिक धूल कण
2020 में वर्ष 2019 की अपेक्षा कम वायु प्रदूषण रहा।

आगरा, जागरण संवाददाता लाक डाउन में औद्योगिक और मानवीय गतिविधियों ने वायु प्रदूषण को थाम दिया। वर्ष 2019 की अपेक्षा 2020 कम प्रदूषित रहा। सल्फर डाइ-आक्साइड (एसओटू) और नाइट्रोजन डाइ-आक्साइड (एनओटू) तो मानक के अंदर रहे, लेकिन अति सूक्ष्म कण (पीएम2.5) और धूल कण (पीएम10) मानक से अधिक दर्ज किए गए।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा आगरा में चार मानीटरिंग स्टेशनों ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग नुनिहाई में वायु प्रदूषण पर अध्ययन किया जाता है। चारों मानीटरिंग स्टेशनों पर वर्ष 2020 के वार्षिक औसत की रिपोर्ट जारी की गई है। इसके अनुसार चारों मानीटरिंग स्टेशनों पर एनओटू और श्वसनीय निलंबित कणों (एसपीएम) की मात्रा में पिछले वर्ष की अपेक्षा गिरावट आई। पीएम2.5 की मात्रा पिछले वर्ष की अपेक्षा ताजमहल रामबाग में बढ़ी, जबकि एत्माद्दौला नुनिहाई में कम हुई। पीएम10 की मात्रा में एत्माद्दौला में वृद्धि हुई, जबकि अन्य स्टेशनों पर गिरावट दर्ज की गई। इसकी वजह कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मार्च से मई तक आगरा में लाक डाउन की वजह से मानवीय औद्योगिक गतिविधियों पर लगी रोक को माना जा रहा है।

सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि प्रदूषक तत्वों के वार्षिक औसत में भले ही कमी आई हो, लेकिन पीएम2.5 और पीएम10 की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक रहीं। इसकी मुख्य वजह निर्माण कार्यों में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जाना रहा।

दो माह नहीं हो सकी थी जांच

लाक डाउन के चलते सीपीसीबी द्वारा अप्रैल मई में मानीटरिंग स्टेशनों पर प्रदूषक तत्वों की मात्रा की जांच नहीं की जा सकी थी। प्रदूषक तत्वों की मात्रा में गिरावट आने की एक वजह इसे भी माना जा रहा है।

एयर एक्शन प्लान, जुर्माना सब बेअसर

आगरा में एयर एक्शन प्लान लागू हुए डेढ़ वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन जिम्मेदार विभागों द्वारा उचित कदम नहीं उठाए जाने से शहर की वायु गुणवत्ता सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हो पा रही है। यही नहीं, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्माण कार्यों में मानकों का पालन नहीं करने और धूल कण उड़ने से रोकने के इंतजाम नहीं करने पर एडीए, स्मार्ट सिटी और जल निगम पर जुर्माना भी 2020 में किया गया, लेकिन सब बेअसर रहा।

प्रदूषक तत्वों की स्थिति (वार्षिक औसत)

वर्ष, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

ताजमहल

2018, 5, 19, 93, 180, 304

2019, 5, 19, 96, 148, 267

2020, 5, 18, 100, 143, 234

एत्माद्दौला

2018, 5, 23, 92, 211, 405

2019, 5, 27, 124, 155, 323

2020, 5, 23, 100, 160, 288

रामबाग

2018, 5, 23, 106, 194, 367

2019, 5, 23, 92, 161, 308

2020, 5, 20, 110, 142, 251

नुनिहाई

2018, 5, 25, 111, 234, 450

2019, 5, 28, 112, 213, 413

2020, 5, 25, 108, 187, 366

वार्षिक औसत

एसओटू: 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

एनओटू: 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

पीएम2.5: 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

पीएम10: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर


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