यमुना एक्सप्रेस वे हादसा: लापरवाही पर सहायक यातायात निरीक्षक निलंबित Agra News
एक्सप्रेस वे पर थी तैनाती हादसे की सूचना तक अफसरों को नहीं दी। आवंटित मार्ग पर सघन चेकिंग न करने का आरोप।
आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए बस हादसे की गाज अब अफसरों पर गिरने लगी है। गुरुवार को सहायक यातायात निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया। एक्सप्रेस वे पर उनकी ड्यूटी थी, लेकिन उन्होंने हादसे की सूचना अफसरों को नहीं दी। आवंटित रूट पर सघन चेकिंग न करने का भी आरोप है।
9 जुलाई को यमुना एक्सप्रेस वे पर लखनऊ के अवध डिपो की बस झरना नाले में गिर गई। इसमें 29 यात्रियों की मौत हो गई थी। जिस वक्त हादसा हुआ, दुर्घटनास्थल पर ईदगाह डिपो के सहायक यातायात निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह की ड्यूटी थी। लेकिन उन्होंने अफसरों को हादसे की सूचना तक नहीं दी। उन पर आरोप है कि आवंटित मार्ग पर सघन चेकिंग नहीं करते हैं। प्रवर्तन कार्य की सूचना तक यातायात निरीक्षकों को नहीं देते हैं। गुरुवार को आरएम मनोज त्रिवेदी ने उन्हें निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से परिवहन निगम में खलबली मच गई।
कंडक्टर का बैग मिला, ईटीएम भी बरामद
अवध डिपो की जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई। उसमें परिचालक का बैग और ईटीएम गुम थी। बुधवार शाम पुलिस, प्रशासन और परिवहन निगम के अधिकारियों के सामने फिर से झरना नाले में तलाशी ली गई। परिचालक का बैग मिल गया, जिसमें करीब 37 हजार रुपये थे। वहीं ईटीएम और बे-बिल भी मिल गया। रुपये फोर्ट डिपो में जमा कराए गए हैं, वहीं ईटीएम और बे-बिल आरएम दफ्तर में जमा करा दी गई।
एक्सप्रेस वे पर 33 वाहनों के चालान
हादसे के बाद गुरुवार को ट्रैफिक पुलिस को भी कार्रवाई की याद आ गई। एक एचसीपी को खंदौली टोल प्लाजा पर पहुंचे। उन्होंने 15 वाहनों के ओवरस्पीड में चालान किए और 18 कार चालकों का सीट बेल्ट न लगाने पर चालान किया। अब यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
156 की रफ्तार से दौड़ी कार
यमुना एक्सप्रेस वे पर गुरुवार को 156 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से एक कार टोल प्लाजा की ओर आ रही थी। यह कार टोल प्लाजा से पुलिस के रोकने के बाद भी निकल गई। इसलिए इस पर कार्रवाई नहीं हो सकी।