कैसे थमेंगे हादसे जब नियम- कायदे ताक पर रख लगाई जा रही ड्यूटी Agra News
टाइम कीपर ड्यूटी लगाने में कर रहे मनमानी। क्षमता से अधिक ड्यूटी से चालक मानसिक परेशान।
आगरा, जागरण संवाददाता। ये परिवहन निगम की व्यवस्था का स्याह सच है। क्षमता से अधिक दूरी तक गाड़ी चलाने पर चालकों का दम निकल रहा है। लेकिन नियम और कायदे ताक पर रखकर उन्हें गाड़ी चलाने की ड्यूटी दी जा रही है।
दरअसल, परिवहन निगम में बस संचालन में ड्यूटी का बड़ा खेल हो रहा है। आगरा से नोएडा वाया दिल्ली और फिर दिल्ली से नोएडा होते हुए आगरा और फिर आगरा से धौलपुर तक एक बस चलाई जाती है। बस का दोनों ओर के चक्कर मिलाकर करीब 578 किमी है। लेकिन अक्सर नियम कायदे ताक पर रखकर 932 किमी की ड्यूटी चालकों को थमा दी जाती है। ऐसे में ड्यूटी पूरी करने को वह कई-कई घंटे बस चलाते हैं। बेहद थकान के कारण बसें हादसे का शिकार हो जाती हैं। ये मामला तो महज एक उदाहरण है। ज्यादातर बसों के संचालन और उनकी दूरी तय करने में टाइम कीपरों की मनमानी चलती है।
ये है नियम
परिवहन निगम के एक्ट के मुताबिक, एक चालक को एक दिन में करीब सात घंटे ड्यूटी करनी होती है। एक घंटे में 45 किमी का रन तय होता है। ऐसे में करीब 315 किमी बस चलानी पड़ती है। लेकिन इस नियम को ताक पर रख ज्यादातर बसें एक ही चालक लंबी दूरी तक चलाता है।
लंबी दूरी पर भी एक ही चालक पर जिम्मा
परिवहन निगम सुरक्षित सफर का दावा तो करता है लेकिन यात्रियों की जान से खेलने में कोई कसर भी नहीं छोड़ता। लंबी दूरी की बसों में दो चालकों को तैनात किए जाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन रोडवेज की बसों में इस व्यवस्था का पालन ही नहीं हो रहा है। लंबी दूरी पर भी केवल एक ही चालक बस का संचालन करता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
चालकों को नियमानुसार ही ड्यूटी दी जा रही है। यदि किसी को 932 किमी की ड्यूटी दी गई है, तो उसे बीच में रेस्ट मिलता है, ताकि चलाने में दिक्कत न हो।
अनिल कुमार, एआरएम ईदगाह डिपो।