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सरकार, यहां तो बेच डाले हैंगिंग डस्टबिन, यह है भ्रष्टों का कारनामा

स्वच्छ भारत अभियान के तहत मुख्य व उप रोड पर लगाए गए थे एक हजार डस्टबिन। अशोक नगर व उसके आसपास के क्षेत्र से डेढ़ दर्जन डस्टबिन कबाड़ियों को बेचे गए।

By Edited By: Published: Sat, 11 May 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 12:54 PM (IST)
सरकार, यहां तो बेच डाले हैंगिंग डस्टबिन, यह है भ्रष्टों का कारनामा
सरकार, यहां तो बेच डाले हैंगिंग डस्टबिन, यह है भ्रष्टों का कारनामा

आगरा, जागरण संवाददाता। नगर निगम की लचर कार्यशैली का फायदा सफाई कर्मचारियों सहित कुछ अन्य ने भी उठाया। अशोक नगर और उसके आसपास के क्षेत्र से डेढ़ दर्जन हैंगिंग डस्टबिन (लिटर बींस) को कबाड़ियों को बेच दिया गया। मामला खुलने के बाद अब अफसर खुद को बचाने में लगे हैं।

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स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर की मुख्य व उप रोड पर एक हजार हैंगिंग डस्टबिन लगाए गए हैं। यह जमीन से एक फीट ऊंचे हैं। जोड़े में लगे डस्टबिनों में सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग फेंका जा सकता है। अशोक नगर (वार्ड 45) के पार्षद राजेश प्रजापति ने बताया कि उनके वार्ड में चालीस हैंगिंग डस्टबिन लगाए गए थे। पिछले तीन दिनों के भीतर डेढ़ दर्जन डस्टबिन को सफाई कर्मचारियों सहित कुछ अन्य ने कबाड़ियों को बेच दिया है। एक डस्टबिन डेढ़ सौ रुपये में बिका है। इसकी शिकायत मेयर से की गई है। ठीक तरीके से नहीं लगाए गए पार्षद विकलेश यादव ने बताया कि गैलाना व उसके आसपास हैंगिंग डस्टबिन ठीक तरीके से नहीं लगाए गए हैं। खोदाई ठीक से नहीं होने से इन्हें जमीन पर कर्मचारी फेंककर भाग गए। पार्षद राहुल चौधरी ने बताया कि आजमपाड़ा सहित अन्य क्षेत्रों में डस्टबिन लगाने में लापरवाही बरती गई है।

इंस्पेक्टरों की खुली पोल

हैंगिंग डस्टबिन की निगरानी की जिम्मेदारी जोनल सेनेटरी इंस्पेक्टरों और सेनेटरी इंस्पेक्टरों की है लेकिन उन्होंने लापरवाही बरती। डस्टबिन टूट गए या फिर उतार कर फेंक दिए गए। शिकायतों को किया नजरअंदाज हैंडिंग डस्टबिन के चोरी होने की शिकायतों को नजरअंदाज किया गया। एक भी शिकायत की जांच नहीं कराई गई। 4800 रुपये जोड़ा कीमत प्रदेश में 5800 रुपये जोड़ा के हिसाब से हैंडिंग डस्टबिन लगाए गए हैं, जबकि आगरा में 4800 रुपये जोड़ा से इन्हें लगाया गया है।

इसलिए लगाए गए थे डस्टबिन

पर्यटक या फिर अन्य लोग अक्सर चाकलेट व अन्य किसी भी चीज का रैपर, केला के छिलके सड़क या फिर खाली जगह पर फेंक देते हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इन्हें लगाया गया था, ताकि वह कचरा डस्टबिन में फेंकें।

होगी जांच

हैंगिंग डस्टबिन को बेचने की शिकायतें मिली हैं। इसकी जांच कराई जाएगी।

नवीन जैन, मेयर

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