वनकर्मियों ने बेची शीशम की लकड़ी
जेएनएन आगरा: वन विभाग अपने ही अफसरों के 'करतूतों' में फंसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में झूठा शपथ पत
जेएनएन आगरा: वन विभाग अपने ही अफसरों के 'करतूतों' में फंसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में झूठा शपथ पत्र देने, बिल्डर को फायदा पहुंचाने को हरियाली का गला घोंटने के बाद अब आंधी में गिरे शीशम के पेड़ों की लकड़ी बेच दी गई है।
मामला हाथरस-अलीगढ़ हाइवे पर लगे पेड़ों से जुड़ा है। इनमें से करीब 14 पेड़ सूख गए थे। आंधी में इन पेड़ों के गिरने के बाद विभागीय कर्मियों ने आधे से अधिक पेड़ों का सौदा कर दिया था। चार पेड़ों की लकड़ी को छलेसर स्थित रेंजर के ऑफिस में लाकर रख दिया गया था। सोमवार को पेड़ों की यह लकड़ी बिकने के लिए फाउंड्री नगर स्थित प्रभुदयाल आरा मशीन पर पहुंचा दी गई। जागरण ने जब इसकी पड़ताल की तो सच सामने आ गया। आरा मशीन मालिक विनय ने बताया कि रेंजर व डिप्टी रेंजर सोमवार की शाम इन पेड़ों की लकड़ी को जबरन डाल गए थे। जबकि पेड़ों की लकड़ी की नीलामी कराई जानी चाहिए थी। सूत्रों की मानें तो 55 हजार रुपये में इसका सौदा किया गया है। डीएफओ कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि, अगर ऐसा हुआ है तो वह मामले की जांच कराएंगे। पेड़ों की लकड़ी को वापस मंगा लिया जाएगा।