आज ही के दिन हुआ था विंबलडन ओपन का आगाज, शुरू होने के पीछे हैं दिलचस्प कहानी
विंबलडन टूर्नामेंट का आगाज पहली बार आज ही के दिन यानी 9 जुलाई 1877 को हुआ था।
नई दिल्ली, जेएनएन। टेनिस की दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट विंबलडन ओपन इस समय जारी है लेकिन क्या आप जानते है इस टूर्नामेंट का आगाज पहली बार आज ही के दिन यानी 9 जुलाई 1877 को हुआ था। अब इस टूर्नामेंट को शुरू हुए 141 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी यह उतना ही लोकप्रिय है।
पुरुषों के ग्रुप में इस टूर्नामेंट को सबसे ज्यादा स्विट्जरलैंड के महान खिलाड़ी रोजर फेडरर ने जीता। फेडरर ने 8 बार इस खिताब को जीतकर अपनी जगह टॉप पर बनाई है। वहीं महिला वर्ग में अमेरिका की सेरेना विलियम्स ने सबसे ज्यादा बार ये खिताब जीता था, सेरेना ने इस खिताब पर 6 बार कब्जा किया है।
कैसे शुरू हुआ विंबलडन ओपन?
अब क्या आपको पता है कि इस टूर्नामेंट की शुरुआत कैसे हुई, चलिए हम बाते हैं कि इस टूर्नामेंट के वह अहम पहलू जो आपको जानने चाहिए। इस टूर्नामेंट के शुरूव होने का कारण बहुल दिलचस्प था। दरअसल पहली बार इस टूर्नामेंट को सिर्फ इसलिए खेला गया ताकि एक रोलर की मरम्मत के लिए फंड जुटाया जा सकें और जहां पर टेनिस खेला जाता था उस लॉन को मेनटेन की जा सके।
पहली बार इस टूर्नामेंट में केवल 22 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया हालांकि सभी मैच पुरुष वर्ग में खेले गए थे। टूर्नामेंट का पहला मैच 9 जुलाई को हुआ तो फाइनल मुकाबला 19 जुलाई को खेला गया था। टूर्नामेंट जीतने वाले खिलाड़ी को 12 गिन्नी और एक कप दिया गया। आपको बता दें कि पहली बार इस टूर्नामेंट को जीतने का गौरव लंदन के वैंड्सवर्थ इलाके के स्पेंसर गोरे को हासिल है। फाइनल में इन्होंने विलियम मार्शल को मात दी थी।
इस टूर्नामेंट की वजह से 10 यूरो की राशि इकट्ठा हुई, जिसके बाद रोलर की मरम्मत कराई गई। विंबलडन ओपन बाकी ग्रैंडस्लैम से बहुत अलग है। ये अपने सफेद कपड़ों में खेले जाने के कारण भी काफी सुर्खियों में रहता है। ये टूर्नामेंट ब्रिटिश संस्कृति को भी दर्शाता है।
विश्व युद्ध के कारण नहीं हो पाया था विंबलडन ओपन
दोनों विश्व युद्धों के दौरान विंबलडन प्रतियोगिता नहीं हुई लेकिन इसके बाद 50 के दशक में महिलाओं ने टेनिस में अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया। शुरुआती दौर में लुइस ब्रो, पॉलिन बेट्ज और मौरीन कोलोनी ने विंबलडन पर अपना दबदबा कायम किया।
विंबलडन का खिताब यानी जेंटलमेंस सिंगल्स ट्रॉफी ऑल इंग्लैंड क्लब की ओर से दी जाती है। इससे पहले टूर्नामेंट जीतने वाले को फील्ड कप (1877 से 1883 तक) और चैलेंज कप (1884 से 1886 तक) दिया जाता था। इस ट्रॉफी की लागत 100 गिन्नी होती है।
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