सानिया मिर्जा ने बयां किया दर्द, लोगों ने कहा था, तुमसे कोई शादी नहीं करेगा
मैं सिर्फ आठ साल की थी (जब ये सभी मुझसे यह करने लगा) सभी को ऐसा लगने लगा था कि कोई भी मेरे शादी नहीं करेगा क्योंकि मेरा रंग सांवला हो जाएगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने देश में पुरुष और महिला खिलाड़ियों के बीच हो रहे अंतर पर बात की है। उनका कहना है कि आम तौर पर भारतीय माता पिता की सोच होती है कि अगर बेटी ने धूप में ज्यादा खेला तो उनका रंग सांवला पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फिर कोई उनकी बेटी से शादी नहीं करेगा।
मुझे शायद यह बताने की जरूरत नहीं की माता- पिता पड़ोसी , चाचा, चाची कैसे इस बात को कभी आपसे कहना नहीं भूलते कि अगर धूप में बाहर जाकर खेला तो फिर आपका रंग काला पड़ जाएगा और आपसे कोई शादी नहीं करेगा। मैं सिर्फ आठ साल की थी (जब ये सभी मुझसे यह करने लगा) सभी को ऐसा लगने लगा था कि कोई भी मेरे शादी नहीं करेगा क्योंकि मेरा रंग काला हो जाएगा।
मुझे यह चलन काफी गहराई तक कचोटता है कि आखिरी एक लड़की को सुंदर क्यों होना जरूरी होता है, वो भी गोला। इस चलन को बदलाना होगा।
मुझे बहुत गर्व है कि खेल में लड़कियों की रूचि पैदा करने में छोटी सी भूमिका निभाने में कामयाब हो पाई। मुझे महिला स्पोर्ट्स खिलाड़ी में पीटी उषा याद हैं जिनको देखकर मैं बड़ी हुई। वह मेरी पीढ़ी से एक दो पीढ़ी पहले की थीं। आज पीवी सिंधु , सायना नेहवाल और दीपा कर्माकर और भी कई महिला खिलाड़ी हैं।
अभी हमें और आगे जाना है, मुझे नहीं लगता कि अभी भी उनको बराबर के मौके मिलते हैं। लेकिन अब हमारे पास सुपरस्टार्स हैं, वो क्रिकेट से इतर बहुत बड़े खिलाड़ी हैं। जरा सोचिए अगर उनको बराबर मौके मिलेंगे तो क्या होगा।