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पाकिस्तान से छिनी मैच की मेजबानी तो भड़के ऐसाम उल हक कुरैशी, ऐसे निकाला गुस्सा

पाकिस्तान के टेनिस स्टार ऐसाम उल हक कुरैशी ने भारत और पाकिस्तान के बीच डेविस कप मुकाबला तटस्थ स्थान पर कराने के आइटीएफ के फैसले को अपमानजनक और स्तब्ध करने वाला बताया है।

By Viplove KumarEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 05:41 PM (IST)
पाकिस्तान से छिनी मैच की मेजबानी तो भड़के ऐसाम उल हक कुरैशी, ऐसे निकाला गुस्सा
पाकिस्तान से छिनी मैच की मेजबानी तो भड़के ऐसाम उल हक कुरैशी, ऐसे निकाला गुस्सा

कराची, एजेंसी। भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाने वाला डेविस कप मुकाबला विवादों में घिर गया है। भारतीय टेनिस महासंघ की आपत्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आइटीएफ) ने 29 और 30 नवंबर को होने वाले मुकाबले का आयोजन की जगह को बदलने का फैसला लिया। इसे इस्लामाबाद के जगह किसी तटस्थ स्थान पर कराने का फैसला किया गया है।

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पाकिस्तान के टेनिस स्टार ऐसाम उल हक कुरैशी ने भारत और पाकिस्तान के बीच डेविस कप मुकाबला तटस्थ स्थान पर कराने के आइटीएफ के फैसले को 'अपमानजनक और स्तब्ध करने वाला' बताया है। उन्होंने इस फैसले के बाद अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा करके शीर्ष ईकाई ने उनके देश के साथ भेदभाव किया है।

भारत के रोहन बोपन्ना के साथ एटीपर सर्किट पर खेल चुके कुरैशी ने ट्वीट किया, "आइटीएफ का डेविस कप मैच कहीं और कराने का वाकई में स्तब्ध करने वाला, अपमानजनक, दुखद और पक्षपातपूर्ण फैसला। एक बार फिर किसी और की करनी की सजा पाकिस्तान को मिली। यह हर स्तर पर पक्षपातपूर्ण है।" 

डेविस कप के नियमों के तहत अब तटस्थ स्थान का फैसला पाकिस्तान टेनिस महासंघ को करना है। पाकिस्तान टेनिस फेडरेशन बुधवार को एक अहम बैठक में फैसला लेगा कि भारत के खिलाफ डेविस कप मुकाबला इस्लामाबाद की बजाय तटस्थ स्थान पर कराने के आइटीएफ के फैसले के खिलाफ वह अपील करेगा या नहीं।

अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आइटीएफ) ने 29 और 30 नवंबर को होने वाले इस मुकाबले का आयोजन इस्लामाबाद के बजाय किसी तटस्थ स्थान पर कराने का फैसला किया है। पीटीएफ अध्यक्ष सलीम सैफुल्लाह ने कहा कि हम भावी कार्रवाई के बारे में बैठक में फैसला लेंगे। हमारे पास अपील का विकल्प है।

हमारे शीर्ष खिलाडि़यों ऐसाम उल हक और अकील खान ने साफ कर दिया है कि इस्लामाबाद में मुकाबला नहीं होने पर वे नहीं खेलेंगे। हमारे लिए यह कठिन स्थिति है। हमारे पास तटस्थ स्थान चुनने का विकल्प है, लेकिन अब ग्रास कोर्ट स्थान तलाशना कठिन होगा। हार्ड कोर्ट पर खेलना हमारे हक में नहीं रहेगा।

भारत ने खेलों के टूर्नामेंट का राजनीतिकरण कर दिया। मैंने सुना है कि एआइटीएफ इस्लामाबाद टीम भेजने को तैयार था, लेकिन सरकार से मंजूरी नहीं मिली। मैं इसे सियासत ही कहूंगा।


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