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लॉकडाउन में भी भारत में चीनी स्मार्टफोन की रही धूम, बढ़ा मार्केट शेयर

Vivo ने अप्रैल से जून के दौरान 3.7 मिलियन यूनिट का शिपमेंट किया। इससे Vivo का मार्केट शेयर साल 2020 की पहली तिमाही के मुकाबले 21.3 फीसदी बढ़ गया।

By Harshit HarshEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 02:06 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 02:06 PM (IST)
लॉकडाउन में भी भारत में चीनी स्मार्टफोन की रही धूम, बढ़ा मार्केट शेयर

नई दिल्ली, टेक डेस्क। साल 2020 की दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान भारत में देशव्यापी लॉकडाउन रहा। ऐसे में स्मार्टफोन की सप्लाई पर खासा असर देखा गया। इस दूसरी तिमाही में स्मार्टफोन शिपमेंट 48 फीसदी गिरकर करीब 17.3 मिलियन रह गया। हालांकि इस दौरान भी 31 फीसदी मार्केट शेयर और 5.3 मिलियन स्मार्टफोन यूनिट के साथ Xiaomi कंपनी भारत में सबसे ज्यादा मोबाइल शिपमेंट करने वाली कंपनी रही। Xiaomi की तरह एक अन्य चीनी कंपनी Vivo इस लिस्ट में दूसरे पायदान पर रही। अप्रैल से जून के दौरान Vivo ने 3.7 मिलियन यूनिट का शिपमेंट किया। इससे Vivo का मार्केट शेयर साल 2020 की पहली तिमाही के मुकाबले 21.3 फीसदी बढ़ गया।

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मार्केट रिसर्च फर्म Canalys के मुताबिक Samsung 2.9 मिलियन स्मार्टफोन शिपमेंट के साथ तीसरे पायदान पर रही। साथ ही साउथ कोरियाई कंपनी Samsung को स्मार्टफोन एक्सपोर्ट के मामले में नुकसान उठाना पड़ा। वियतनाम के बाहर इसका सबसे बड़ा प्लांट दूसरी तिमाही पर लगभग बंद ही रहा। Oppo 2.2 मिलियन यूनिट शिपमेंट के साथ चौथे पायदान पर रही, जबकि Realme कंपनी ने इस दौरान 1.7 मिलियन यूनिट का शिपमेंट किया।

Canalys Analyst मधुमिता चौधरी के मुताबिक भारतीय स्मार्टफोन मेकर के लिए रास्ता अभी काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि मार्केट खुलने के साथ डिमांड आएगी। लेकिन प्रोडक्शन के लिहाज से स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही नए रेग्यूलेशन की वजह से ज्यादा तादात में मैन्युफैक्चरिंग नहीं शुरू की जा सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक टॉप-10 वेंडर के शिपमेंट में 20 फीसदी के साथ Apple पर कम असर पड़ा है। Apple ने Foxconn और Wistron के साथ साझेदारी में भारत में बडे़ पैमाने पर निवेश का ऐलान किया है। साथ ही अपनी सप्लाई चेन में सुधार करने की बात कही है। बता दें कि दूसरी तिमाही में वेंडर को दोहरी मार झेलनी पड़ी है, जहां एक तरह प्रोडक्शन नहीं हो रहा था। वहीं दूसरी तरह डिमांड में भी कमी देखी जा रही थी।

(Written By- Saurabh Verma)


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