बिना सेट-टॉप बॉक्स बदले भी बदल पाएंगे DTH-केबल ऑपरेटर! TRAI ने की सिफारिश
TRAI ने सिफारिश की है “भारत में इंटरऑपरेबिलिटी का समर्थन किया जाना चाहिए। इसके लिए यूजर्स को दिए जाने वाले STBs का इंटरऑपरेबल होना अनिवार्य है।” फोटो साभार TRAI
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सिफारिश करते हुए कहा है कि सभी DTH और केबल सेट-टॉप बॉक्स ऑपरेटर्स इंटरऑपरेबिलिटी का समर्थन करें। इसके साथ ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय से अपेक्षित प्रावधानों को पेश कर इस सर्विस को अनिवार्य बनाने का भी आग्रह किया है। आपको बता दें कि इंटरऑपरेबल सेट-टॉप बॉक्स के जरिए यूजर्स बिना सेट-टॉप बॉक्स बदले अपना केबल ऑपरेटर बदल पाएंगे। मौजूदा स्थिति की बात करें तो ऑपरेटर्स इस समय जो STBs उपलब्ध करा रहे हैं वो नॉन-इंटरऑपरेबल है। ऐसे में इन STBs का इस्तेमाल इंटरऑपरेबिलिटी के लिए नहीं किया जा सकता है।
TRAI ने सिफारिश की है, “भारत में इंटरऑपरेबिलिटी का समर्थन किया जाना चाहिए। इसके लिए यूजर्स को दिए जाने वाले STBs का इंटरऑपरेबल होना अनिवार्य है।” इसके साथ ही TRAI I&B मंत्रालय द्वारा एक समन्वय समिति भी बनाना चाहती है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, TRAI, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के सदस्यों और टीवी निर्माताओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। TRAI ने कहा है कि यह समिति DTH और केबल टीवी के लिए संशोधित STB मानकों को लागू कर सकती है।
इसके साथ ही DTH और मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स (MSOs) को नए स्टैंटर्ड्स को अपनाने के लिए 6 महीने का समय दिया जाएगा। TRAI की वेबसाइट के मुताबिक, नए स्टैंटडर्ड DVB CI Plus 2.0 है। मिनिस्ट्री ऑफ इम्फॉर्मेशन और ब्राडकास्टिंग (MIB) इसमें सेट-टॉप बॉक्स इंटरऑपरेबिलिटी सर्विस को अनिवार्य करने के लिए एक उपयुक्त क्लॉज शामिल कर सकता है। TRAI का कहना है कि MIB को BIS के साथ मिलकर STBs के लिए मानकों में उपयुक्त संशोधन करना चाहिए।
साथ ही यह भी कहा गया है कि टीवी निर्माताओं को सभी डिजिटल टेलीविजन सेट में एक ओपन इंटरफेस पोर्ट देने के लिए कहा है जो DVB CI Plus 2.0 पर आधारित होना चाहिए। यह भी कहा है कि निर्माताओं को टीवी सेट्स में बिल्ट-इन ट्यूनर भी उपलब्ध कराना होगा जो उन्हें सैटेलाइट और केबल प्लेटफॉर्म दोनों के माध्यम से टेलीविजन कंटेंट उपलब्ध करा पाए।