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बड़ी तैयारी: 5 साल में टेलीकॉम की दुनिया में होेंगे बड़े बदलाव, जानिए

सरकार तैयार कर रही है राष्ट्रीय दूरसंचार नीति। ब्रॉडबैंड की न्यूनतम स्पीड होगी दो एमबीपीएस 1’ एक करोड़ सार्वजनिक वाई-फाई हॉट स्पॉट तैयार होंगे

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Thu, 04 Jan 2018 08:13 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jan 2018 08:35 AM (IST)
बड़ी तैयारी: 5 साल में टेलीकॉम की दुनिया में होेंगे बड़े बदलाव, जानिए

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। रिलायंस जियो की लांचिंग के बाद से देश में आई डाटा क्रांति आने वाले वर्षो में और तेजी से विस्तार लेगी। विस्तार को गति और दिशा देने के लिए सरकार राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (एनटीपी) तैयार कर रही है। सरकार का लक्ष्य 2022 के अंत तक देश में वायरलेस इंटरनेट की स्पीड कम से कम 20 एमबीपीएस करने और एक करोड़ सार्वजनिक वाई-फाई हॉट स्पॉट लगाने का है। दूरसंचार नियामक ट्राई ने इस नीति पर परामर्श पत्र बुधवार को जारी किया। इस पर 19 जनवरी तक जनता की राय मांगी गई है।

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ट्राई विभिन्न बिंदुओं पर जनता की राय लेने के बाद दूरसंचार विभाग के समक्ष अपने निष्कर्ष रखेगा। विभाग मार्च, 2018 तक एनटीपी को अंतिम रूप दे सकता है। नियामक ने बताया कि टेलीकॉम ऑपरेटरों, हैंडसेट निर्माताओं, उद्योग संगठनों और क्लाउड सेवा प्रदाताओं समेत अन्य संबंधित पक्षों से बातचीत के आधार पर ट्राई ने नीति के लिए कुछ प्रस्ताव तैयार किए हैं।

ट्राई के परामर्श पत्र में ब्रॉडबैंड कनेक्शन की स्पीड कम से कम दो एमबीपीएस करने, एक करोड़ सार्वजनिक वाई-फाई हॉट स्पॉट बनाने, वायरलेस इंटरनेट कनेक्टिविटी में कम से कम 20 एमबीपीएस की औसत स्पीड प्रदान करने और भारत को नेटवर्क रेडीनेस, संचार व्यवस्था और सेवा के मामले में दुनिया के टॉप 50 देशों में शामिल करने को एनटीपी के लक्ष्यों के तौर पर दर्शाया गया है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) और मशीन-टू-मशीन के दस अरब सेंसर और डिवाइसों को जोड़ने और उन तक इंटरनेट की मदद से पहुंच बनाने जैसी सुविधाएं विकसित करना भी नीति के उद्देश्यों में शुमार है। एनटीपी की मदद से कम्युनिकेशन सेक्टर में 100 अरब डॉलर (करीब 6.40 लाख करोड़ रुपये) का निवेश भी आकर्षित करने का प्रयास रहेगा।

ट्राई के परामर्श पत्र में कहा गया है कि लाइसेंस व स्पेक्ट्रम शुल्क की समीक्षा और एक देश-एक लाइसेंस की दिशा में कदम बढ़ाने से लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। नियामक ने कहा कि नीति से समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कम्युनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को गति देने और चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत को अगुआ बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
 


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