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Republic Day 2021: Google ने गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर बनाया डूडल

Google ने हर वर्ष की तरह इस साल भी खास डूडल बनाकर भारतवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी है। इस डूडल में देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति को दर्शाया गया है। आइए जानते हैं इस गूगल डूडल के बारे में।

By Ajay VermaEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 08:21 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 08:21 AM (IST)
Republic Day 2021: Google ने गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर बनाया डूडल
गूगल डूडल की फोटो दैनिक जागरण की है

नई दिल्ली, टेक डेस्क। आज भारत अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ऐसे में Google ने हर वर्ष की तरह इस साल भी खास डूडल बनाकर भारतवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी है। इस डूडल में देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति को दर्शाया गया है।   

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Google का खास डूडल

गूगल का यह डूडल एक एचडी इमेज है। इसमें ग्रीन और रेड कलर का उपयोग किया है। इस डूडल में दिख रही तस्वीर को मुंबई के अतिथि कलाकार ओंकार फोंडेकर ने बनाया है। यूजर्स जैसे ही इस गूगल पर क्लिक करेंगे, तो एक नया पेज ओपन हो जाएगा। इस पेज में गणतंत्र दिवस से जुड़ी तमाम ताजा जानकारी मिलेगी। 

गणतंत्र दिवस की परेड में क्या होगा खास

गणतंत्र दिवस की परेड में आज राफेल लड़ाकू विमान के साथ टी-90 टैंकों, समविजय इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली और सुखोई मिग 29 लड़ाकू विमानों के जरिए सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा। इतना ही नहीं राजपथ पर 17 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियां, रक्षा मंत्रालय की 6 झांकियां और अर्द्धसैनिक बलों की 9 झांकियां समेत 32 झांकियां निकाली जाएंगी।

गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है, जो हर साल जनवरी महीने में 26 तारीख को मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को निरस्त कर सविंधान को लागू किया गया। भारत को पूर्ण गणराज्य का दर्जा दिलाने की मुहीम देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में हुई थी। जब 26 जनवरी, 1929 को लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में भारत को पूर्ण गणराज्य बनाने का प्रस्ताव पेश हुआ। हालांकि, अंग्रेजी हुकूमत ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

तब कांग्रेस ने 26 जनवरी, 1930 को भारत को पूर्ण गणराज्य की घोषणा कर दी। इसके 16 साल बाद 9 दिसंबर, 1946 को भारतीय सविंधान लिखने की शुरुआत हुई। इसके सभापति सच्चिदानंद सिन्हा थे, लेकिन बाद में सविंधान सभा के सभापति डॉ. राजेद्र प्रसाद चुने गए थे। वहीं, सविंधान सभा समीति के विधीवेत्ता भीमराव आंबेडकर को चुना गया था। सविंधान निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लग गए थे।

इसके बाद 26 नवंबर, 1949 को समीति ने सविंधान सभापति को सौंपा। हालांकि, आधिकारिक तौर पर सविंधान 26 जनवरी, सन 1950 को लागू हुआ था। इस दिन को चुनने की मुख्य वजह लाहौर कांग्रेस अधिवेशन है। इस दिन यानी 26 जनवरी, 1929 को पहली बार पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके लिए 26 जनवरी के दिन   भारतीय सविंधान को लागू किया गया। 


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