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जानें देश में साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और बचाव के उपायों के बारे में, एक्सपर्ट व्यू

पिछले दिनों अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली पर बड़े स्तर पर रैनसमवेयर अटैक से वहां की सभी डिजिटल सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं। साइबर हमले के इस बड़े मामले में हैकरों ने 200 करोड़ की फिरौती मांगी थी।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalPublished: Wed, 30 Nov 2022 03:16 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 03:16 PM (IST)
जानें देश में साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और बचाव के उपायों के बारे में, एक्सपर्ट व्यू
देश में साइबर सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता काफी बढ़ गई है।

डा. पवन दुग्गल। भारत के इतिहास में भारतीय स्वास्थ्य तंत्र पर यह अब तक का सबसे बड़ा रैनसमवेयर हमला है। एम्स देश का सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान है। साथ ही, एम्स के पास सभी मंत्रियों, राजनेताओं, नौकरशाहों, सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में देश के आम नागरिकों का मेडिकल डेटा मौजूद है। इतने बड़े स्तर पर डेटा से नियंत्रण हटना और सेवाओं का ठप रहना काफी चिंताजनक है। कोविड-19 महामारी के बाद साइबर हमलों में जिस तरह से तेजी आयी है, उसे लेकर हमें हर स्तर पर अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

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बड़े स्तर पर तैयारी की जरूरत

इस तरह के रैनसमवेयर हमले का सामना करने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जरूरत है। साइबर सुरक्षा और रैनसमवेयर के लिए पुख्ता कानून बनाना होगा। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति-2013 को लागू ही नहीं किया गया। हालांकि, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति के मसौदे पर काम हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 साइबर सुरक्षा को परिभाषित जरूर करता है, लेकिन वह साइबर सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है। साइबर अपराधों में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए डिजिटल स्पेस में अधिक जागरूक होना होगा।

सुरक्षा श्रृंखला बने मजबूत

आज हमारे रोजमर्रा के जीवन में भी साइबर सुरक्षा की प्रासंगिकता लगातार बढ़ रही है। डिजिटल उपभोक्ताओं को यह समझने की जरूरत है कि हम एक बड़ी साइबर सुरक्षा श्रृंखला से जुड़े हुए हैं। देश की साइबर सुरक्षा श्रृंखला की हर कड़ी को मजबूत बनाना होगा। हमें सुनिश्चित करना है कि हम साइबर सुरक्षा श्रृंखला की कमजोर कड़ी ना बनें। साथ ही, साइबर सुरक्षा को हम जीवन जीने के एक तरीके के रूप में अपनाएं। हमें यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि साइबर सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी है। देश को अधिक साइबर सुरक्षित बनाने के लिए हमें अपने स्तर पर भी सहयोग देने की आवश्यकता है।

डिजिटल स्पेस में जरूरी सुरक्षा उपाय

  • डिजिटल उपभोक्ताओं को साइबर सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक होने की जरूरत है।
  • अपनी डिवाइसेज, कंप्यूटर और लैपटाप को सुरक्षित बनाएं। इसके लिए उचित फायरवाल्स, एंटीवायरस और उचित सुरक्षा मानकों को अपनाएं।
  • कोई जानकारी आनलाइन साझा करने के दौरान किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
  • केवल जरूरत होने पर ही कोई जानकारी आनलाइन साझा करें और इस दौरान विशेष सावधानी बरतें।
  • हमें अपने सिस्टम और अकाउंट्स का रेगुलर बैकअप रखना चाहिए, ताकि रैनसमवेयर हमले की स्थिति में अपने बैकअप से डेटा को री-स्टोर कर सकें और कामकाज को सामान्य बना सकें।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • किसी थर्ड पार्टी द्वारा दिये गये लिंक पर क्लिक न करें।
  • गोपनीय जानकारियों, जैसे- बैंक डिटेल्स और संवेदनशील जानकारियों को साझा करने से बचें।
  • डिजिटल स्पेस में हर वक्त सतर्क, जागरूक और समझदार बने रहें।

एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट मानद चांसलर, साइबर ला विश्वविद्यालय अध्यक्ष, साइबरलाज.नेट


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