MeitY अब ऑनलाइन गेमिंग की नोडल एजेंसी बना, राज्यों को केवल सट्टेबाजी और जुआ को विनियमित करने का अधिकार होगा
जब से भारत में ऑनलाइन गेमिंग एक उद्योग के रूप में बढ़ना शुरू हुआ तब से इस क्षेत्र पर नियामक दबाव लगातार बना हुआ है। इस क्षेत्र पर इन दिनों काफी दबाव है। लेकिन इसे वह ध्यान नहीं मिल रहा है जिसका यह हकदार है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग एवं कॉमिक (एवीजीसी) उद्योग, जिसमें लोकप्रिय ऑनलाइन गेमिंग श्रेणी शामिल है, भारत का उभरता हुआ क्षेत्र है। इस क्षेत्र में अब तक 2.5 बिलियन अमरीकी डालर का विदेशी निवेश हो चुका है। यही नहीं, इस उद्योग ने देश भर में 1,00,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है और इसका अनुमानित मूल्य 20 बिलियन अमरीकी डालर है। यह देश के मौजूदा आकर्षक स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
जब से भारत में ऑनलाइन गेमिंग एक उद्योग के रूप में बढ़ना शुरू हुआ, तब से इस क्षेत्र पर नियामक दबाव लगातार बना हुआ है। इस क्षेत्र पर इन दिनों काफी दबाव है। लेकिन इसके बहुत अच्छे प्रभाव होने के बावजूद, इसे वह ध्यान नहीं मिल रहा है जिसका यह हकदार है। भले ही भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कौशल के खेल और किस्मत के खेल के बीच समय-समय पर अंतर स्थापित किया है, और मान्यता प्राप्त प्लेटफार्मों को वैध व्यवसाय के रूप में कौशल-आधारित गेम की सुविधा प्रदान की है, लेकिन ऐसे कई राज्य हैं जिन्होंने इसे सट्टेबाजी या जुआ से इसकी तुलना करते हुए ऑनलाइन गेमिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया है।
हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को 26 दिसंबर, 2022 को कैबिनेट सचिवालय की एक ऐतिहासिक अधिसूचना के माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित मामलों के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया। एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग एवं कॉमिक्स (एवीजीसी) पर गठित कार्यबल द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्री, अनुराग ठाकुर को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के तुरंत बाद ही यह नियुक्ति की गई है। युवा मामले और खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) को ई-स्पोर्ट्स के नोडल प्राधिकरण के रूप में सीमांकित किया गया है।
यह कदम राज्यों, प्लेटफार्मों, नीति निर्माताओं और उपयोगकर्ताओं सहित ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के अनेक हितधारकों द्वारा लंबे समय से की जा रही मांग को पूरा करता है। यह नियुक्ति प्रभावी रूप से केंद्रीय मंत्रालय को ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित मामलों की जिम्मेदारी सौंपती है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) के महानिदेशक, जॉय भट्टाचार्य ने नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करने हेतु नोडल मंत्रालय के रूप में नियुक्ति की सराहना करता है। केंद्रीय नियामक प्राधिकरण के रूप में एमईआईटीवाई की नियुक्ति निवेशकों, उद्योग और उपभोक्ताओं को स्पष्टता और निश्चितता प्रदान करेगी। यह निर्णय एवीजीसी क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने और भारत को ऑनलाइन गेमिंग के लिए वैश्विक केंद्र बनाने हेतु सरकार की पहल के अनुरूप है। हमें भरोसा है कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग एमईआईटीवाई के मार्गदर्शन में जिम्मेदारीपूर्वक आगे बढ़ेगा और सुसंतुलित नियामक ढांचे के निर्माण में एमईआईटीवाई के साथ मिलकर काम करेगा।"
जबकि राज्यों के पास किस्मत के खेल और जुआ से संबंधित गतिविधियों के लिए कानून बनाने का अधिकार बना हुआ है, लेकिन क्रमशः ऑनलाइन गेमिंग और ईस्पोर्ट्स के लिए एमईआईटीवाई और एमवाईएएस की नियुक्ति विनियमन के लिए एक केंद्रीय स्रोत प्रदान करती है। इससे राज्यों की उस नीति से असंगतता की स्थिति से बचा जा सकेगा जो ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के विकास में बाधक है और विशाल एवीजीसी क्षेत्र को पीछे घसीटती है, चूंकि यह क्षेत्र युवाओं के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसरों और सरकार के लिए राजस्व का वादा करता है।