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E-Sim Trick: जानिए क्या होता है ई-सिम? यहां जानें इसके फायदे और नुकसान

ई-सिम इन दिनों काफी चर्चा में है। एपल आइफोन14 में फिजिकल सिम की जगह कंपनी ने सिर्फ ई-सिम का विकल्प दिया है। भारत में भी कई कंपनियां ई-सिम की सुविधा दे रही हैं। आइए जानते हैं ई-सिम के क्या हैं फायदे और इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2022 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2022 04:53 PM (IST)
E-Sim Trick: जानिए क्या होता है ई-सिम? यहां जानें इसके फायदे और नुकसान
टेक अपडेट: पढ़े ई-सिम कितना है उपयोगी।

संतोष आनंद। अगर आप स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, तो फिर ई-सिम में बारे में जरूर जानते होंगे। हो सकता है आने वाले दिनों में आपको अधिकतर फोन में ई-सिम का उपयोग होता हुआ दिखाई दे। एपल के आइफोन 14 में कंपनी ने केवल ई-सिम का विकल्प दिया है। हालांकि ई-सिम वाला माडल अभी अमेरिका में ही बिकेगा। वैसे, देखा जाए, तो ई-सिम की धारणा कोई नई नहीं है, लेकिन इसका उपयोग बड़े पैमाने पर नहीं हो रहा था। मगर अब कंपनियां ई-सिम की सुविधाएं देने लगी हैं। आने वाले दिनों में आप भी फिजिकल सिम के साथ ई-सिम का भी उपयोग कर पाएंगे।

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क्या है ई-सिम

ई-सिम का मतलब होता है इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी माड्यूल। यह मोबाइल फोन, स्मार्टवाच, टैबलेट आदि में उपयोग होने वाला एक तरह का वर्चुअल सिम होता है। खास बात यह है कि यह फिजिकल सिम से बिल्कुल अलग है। अगर ई-सिम लेते हैं, तो आपको अपने फोन में किसी तरह का कोई कार्ड नहीं डालना होता है। यह टेलीकाम कंपनी के जरिए ओवर-द-एयर एक्टिवेट किया जाता है। इसमें आपको सिम कार्ड जैसे सभी फीचर्स मिलते हैं। कंपनी फोन बनाते समय ही ई-सिम का निर्माण भी करती है। यह सिम फोन के हार्डवेयर में ही आता है। इससे फोन में स्पेस बचता है। साथ ही, अलग से सिम ट्रे बनाने की जरूरत भी नहीं रह जाती है। अच्छी बात यह है कि ई-सिम और फिजिकल सिम के कार्य करने के तरीके में कोई अंतर नहीं है। यह सिम भी 4जी, 5जी जैसे नेटवर्क को सपोर्ट करता है। इस सेवा का उपयोग करने के लिए फोन में डुअल सिम की सुविधा होना जरूरी है। अब आइफोन फिजिकल सिम का सिस्टम खत्म कर रहा है, तो दूसरी कंपनियां भी उस रास्ते पर चल सकती हैं। देश में जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ई-सिम सर्विस मुहैया कराने लगे हैं।

ई-सिम के फायदे

ई-सिम के कई फायदे हैं। इसके साथ अच्छी बात यह है कि आपको आपरेटर बदलने पर सिम कार्ड बदलने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं होती है। इससे मोबाइल नेटवर्क स्विच करना बहुत आसान हो जाता है। आप अस्थायी रूप से इसे दूसरे नेटवर्क में बदल सकते हैं। एक बार में एक ई-सिम पर अधिकतम पांच वर्चुअल सिम कार्ड स्टोर किए जा सकते हैं। इसका मतलब है कि यदि किसी नेटवर्क पर सिग्नल की दिक्कत है, तो आप उसे तुरंत स्विच कर सकते हैं। ट्रैवल करते समय स्थानीय नेटवर्क पर स्विच करना भी आसान हो जाता है। ई-सिम फिजिकल सिम कार्ड और ट्रे की जरूरत को खत्म कर देता है। इससे स्मार्टफोन निर्माता को इस जगह का उपयोग बैटरी का साइज बढ़ाने या फिर अन्य फीचर्स के लिए करने में मदद मिलेगी। भारत में इस समय कई स्मार्टफोन उपलब्ध हैं, जो ई-सिम सपोर्ट करते हैं। इनमें एपल, सैमसंग, गूगल, मोटोरोला आदि के स्मार्टफोन शामिल हैं।

हैं कुछ नुकसान भी

ई-सिम को जल्दी से स्विच करना उतना आसान नहीं है। अभी यदि आपका स्मार्टफोन काम करना बंद कर देता है, तो आप आसानी से सिम निकाल सकते हैं और दूसरे फोन में डाल सकते हैं। मगर ई-सिम में यह थोड़ा अधिक पेचीदा होता है। हालांकि क्लाउड में इंफार्मेंशन और कांटैक्ट को स्टोर कर एक फोन से दूसरे फोन में डाटा ट्रांसफर करना आसान होता है। आप किसी डिवाइस से ई-सिम नहीं हटा सकते हैं। अगर आप अपनी गतिविधियों को ट्रैक किए जाने को लेकर चिंतित हैं, तो इसे एक नकारात्मक पहलू के रूप में देखा जा सकता है। मगर यह एक फायदा भी हो सकता है, क्योंकि फोन को चोरी करने वाले फोन की लोकेशन को आसानी से नहीं छिपा सकते हैं।

एयरटेल में ई-सिम

अगर आप एयरटेल यूजर हैं, तो आप अपने फिजिकल सिम कार्ड को एयरटेल ई-सिम में बदल सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले 121 पर एक एसएमएस करना होगा। इसमें ई-सिम के साथ अपनी ईमेल आइडी लिखकर भेजनी होगी। अगर आपकी ईमेल आइडी वैध है, तो आपको एक एसएमएस मिलेगा, जिसमें आपसे सवाल किया जाएगा कि क्या आप अपने सिम को ई-सिम में बदलना चाहते हैं। इसके बाद आपको कंफर्म करने के लिए ‘1’ लिखना होगा। एयरटेल के अनुसार, इस प्रासेस को 60 सेकंड में पूरा कर दिया जाएगा। इसके बाद आपसे काल के जरिए अनुमति मांगी जाएगी। फिर क्यूआर कोड मैसेज के जरिए प्राप्त होगा।

जियो में ई-सिम

अगर आप जियो का ई-सिम चाहते हैं, तो फिर आपको नया ई-सिम खरीदने के लिए जियो स्टोर, रिलायंस डिजिटल या जियो रिटेलर पर जाना होगा। सिम कार्ड की तरह ही ई-सिम खरीदने के लिए भी आपको अपना कोई भी वैध पहचान पत्र और फोटो देना होगा। आप अपने मौजूदा सिम कार्ड को भी ई-सिम में बदल सकते हैं। इसके लिए आपको एक एसएमएस भेजना होता है। जियो स्टोर पर प्रतिनिधि आपसे ई-सिम सपोर्ट वाले फोन का आइएमइआइ नंबर भी मांग सकते हैं। इसके बाद एक फार्म भरना होगा। इसके बाद ई-सिम एक्टिवेट करने के लिए क्यूआर कोड आएगा।

वोडाफोन आइडिया ई-सिम

अगर आप वोडाफोन-आइडिया के ग्राहक हैं, तो सबसे पहले ई-सिम लिखें और स्पेस देकर ईमेल आईडी लिखें फिर उसे 199 पर भेज दें। इसके बाद जो रिप्लाई आएगा, उस पर आपको ESIMY लिखकर भेजना होगा। फिर आपसे काल के जरिए अनुमति मांगी जाएगी। इसके बाद क्यूआर कोड मैसेज के जरिए प्राप्त होगा।

सीडीएमए फोन में भी नहीं होता है सिम

अगर आपने सीडीएमए (कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस) फोन का उपयोग किया है, तो आपको पता होगा कि इसमें भी सिम कार्ड की सुविधा नहीं होती है। सीडीएमए डाटा ट्रांसमिशन करने के लिए स्प्रेड स्पेक्ट्रम तकनीक का उपयोग करता है। यह तकनीक कई फोन को एक चैनल के माध्यम से भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देती है। इसमें अलग-अलग बातचीत के प्रत्येक हिस्से को एक खास डिजिटल कोड के साथ लेबल किया गया है। सीडीएमए में कोई रिमूवेबल सिम नहीं होता है। यूजर्स और एकाउंट के बारे में पूरी जानकारी डिवाइस या हैंडसेट की इंटरनल मेमोरी में संग्रहीत होती है। वैसे,सीडीएमए और जीएसएम (ग्लोबल सिस्टम मोबाइल) फोन को पहचानने का एक आसान तरीका यह है कि अगर आपके मोबाइल फोन में सिम कार्ड डलता है, तो वह जीएसएम डिवाइस है, वहीं अगर फोन में सिम कार्ड डालने की सुविधा नहीं है, तो डिवाइस सीडीएमए है।


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