Move to Jagran APP

#NayaBharat: कोरोना वायरस के बाद जल्द आएगी बड़ी महामारी, लोगों को रहना होगा तैयार :Ayush Atul Mishra

आज हमारे साथ Tattvan के सीईओ और फाउंडर आयुष अतुल मिश्रा जुड़े हैं जिनसे Jagran Hitech के एडिटर सिद्धार्था शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की..

By Harshit HarshEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 07:55 PM (IST)
#NayaBharat: कोरोना वायरस के बाद जल्द आएगी बड़ी महामारी, लोगों को रहना होगा तैयार :Ayush Atul Mishra
#NayaBharat: कोरोना वायरस के बाद जल्द आएगी बड़ी महामारी, लोगों को रहना होगा तैयार :Ayush Atul Mishra

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Jagran HiTech कन्वर्सेशन की नई सीरीज #NayaBharat में आपका स्वागत है। इस सीरीज में हमारे साथ ऑटो, टेक, मेडिसिन और बिजनेस इंडस्ट्री के कई दिग्गज लीडर जुड़ते हैं और हम उनसे इंडस्ट्री जगत से जुडे़ तमाम मुद्दों पर बातचीत करते हैं। इस कड़ी में आज हमारे साथ Tattvan के सीईओ और फाउंडर आयुष अतुल मिश्रा जुड़े हैं, जिनसे Jagran Hitech के एडिटर सिद्धार्था शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की, जिसमें हेल्थकेयर सेक्टर, टेलीमेडिसिन के हालात समेत कई तरह के मुद्दों पर बातचीत हुई। आइए इस बातचीत को विस्तार से जानते हैं-

loksabha election banner

सिद्धार्था शर्मा-हेल्थकेयर सेक्टर पर कोविड-19 का असर कैसा रहा?

आयुष अतुल मिश्रा- कोविड-19 का असर किसी से छिपा नहीं है।इसका सबसे ज्यादा असर हेल्थकेयर सेक्टर पर देखने को मिला है। हेल्थकेयर के कई सारे सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर के हिसाब से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। लेकिन इस दौरान हमने और सिस्टम ने कई सारी नई चीजें सीखी हैं। हमारे लिए बहुत सारी चीजे नई थी। ऐसे में पूरी तरह से सिस्टम को दोषी ठहरना देना सही नहीं होगा। कोरोना के इस पूरे दौर को देखें ,तो मार्च से लेकर अब तक हेल्थकेयर के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में काफी सुधार देखा गया है। साथ ही टेक्नोलॉजी एडॉप्शन भी बढ़ा है। कोरोना से पहले प्राइवेट और सरकारी दोनों हेल्थकेयर सेक्टर में टेक्नोलॉजी एडॉप्शन में 4 से 5 साल का लंबा वक्त लगता था। लेकिन महामारी के दौरान तीन माह के दौरान महने ग्रॉस रूट स्तर पर टेक्नोलॉजी एडॉप्ट की है। आशा वर्कर तक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में कोविड-19 जैसी महामारी का सामाना करने में आसानी होगी। साथ ही लोग पहले के मुकाबले हेल्थ को लेकर ज्यादा जागरूक होंगे।

सिद्धार्था शर्मा- हेल्थ सेक्टर में टेक्नोलॉजी एडॉप्शन की बात की। ऐसे में क्या हेल्थ केयर सेक्टर टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर स्तर पर आने वाली महामारी को झेलने के लिए तैयार है?

आयुष अतुल मिश्रा- दरअसल अभी हेल्थ केयर सेक्टर पर काफी दबाव है। ऐसे में मौजूदा वक्त में टेक्नोलॉजी एडॉप्शन में कॉस्ट मायने नहीं रख रही है। लेकिन जब चीजें नॉर्मल होंगी, तो काफी चीजें पहले की तरह हो जाएंगी, जबकि कुछ चीजों में बदलाव देखने को मिलेगा। प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को लेकर कुछ प्रो-एक्टिव नजर आएंगे। लेकिन टियर-2, टियर-3 के लोग चीजे नॉर्मल होने पर पहले की स्थिति में पहुंच जाएंगी, जो कि चिंता की वजह होगी। मेरे मुताबिक महामारी के बाद सरकार, प्राइवेट एजेंसी को लोगों को हेल्थ केयर को लेकर लोगों को जागरूक करना होगा, जिससे दूसरी महामारी न झेलनी पड़े। कोविड-19 के बाद जल्द एक अन्य महामारी आएगी, जिसे रोका नहीं जा सकता है। ऐसे में इसके लिए हमें तैयार रहना होगा। यह हमारे लिए आसान टॉक्स नहीं होने वाला है। अभी कुछ वक्त पहले लॉकडाउन खुला था, उस वक्त ट्रैफिक की हालत काफी बुरी हो गई थी। दरअसल लोगों को स्वीकर करना होगा कि कोविड-19 महामारी एक लंबा टास्क है। इससे जल्दी छुटकाना नहीं पाय जा सकता है।

सिद्धार्था शर्मा- महामारी के लिए सरकार ने काफी सारे कदम उठाए हैं। लेकिन इसके बावजूद कहां सुधार की गुंजाइश देख रहे हैं?

आयुष अतुल मिश्रा- सोशल मीडिया पर देखें, तो न्यूजीलैंड के पीएम को कोविड-19 के दौर में उचित कदम उठाने को लेकर काफी सराहना मिल रही है। लेकिन न्यूजीलैंड की सफलता को भारत से तुलना नहीं की जा सकती है। न्यूजीलैंड की जनसंख्या भारत के बैंग्लोर शहर के बराबर है। हालांकि सच यह भी है कि टेलीमेडिसिन को लेकर सरकार ने देरी से कदम उठाया। इसके बाद पीपी किट को लेकर देरी की। लेकिन इस वक्त हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पीपीई किट मैन्यूफैक्चर्स हैं। सरकार के असावा एक सोसाइटी के तौर पर हमारी भी कुछ जिम्मेदारी होती हैं। लोग मेडिकल एडवाइजरी तक को सीरियस नहीं लेते हैं। दरअसल जब लोग मौत को एक नंबर मान लेते हैं, तो दिक्कत हो जाती है, जब तक उनके साथ कुछ नहीं होता है। मेरे मुताबिक सरकार ने अपने स्तर पर काफी कदम उठाए हैं। लेकिन इसके बावजूद अभी लोगों को साक्षर करना को लेकर काफी काम करना होगा।

सिद्धार्था शर्माटेलीमेडिसिन को लेकर कोविड-19 के दौर में कितना ग्रोथ देखने को मिला है?

आयुष अतुल मिश्रा- भारत की लगभग सभी टेलीमेडिसिन कंपनियों ने कोरोना के दौर में 200 फीसदी तक की ग्रोथ दर्ज की है। लेकिन यह कोविड-19 के बाद भी जारी रहेगा। यह चिंता का विषय हो सकता है। देखने वाली बात है कि भारत में कोरोना से ज्यादा मौत मधुमेह और बल्ड प्रेशर से हो रही है। इसकी वजह ओपीडी और बाकी स्वास्थ्य केंद्र का बंद होना है। कोरोना के डर की वजह से प्राइवेट डॉक्टर्स मरीज को सही से देख नहीं रहे हैं। ऐसे में इस समस्या का तत्काल समाधान टेलीमेडिसिन है। कोविड-19 से पहले जहां डाक्टर ऑनसाइन मरीज को देखने की बजाय ओपीडी विजिट करने को कहते थे। लेकिन अब इसमें सुधार देखने को मिल रहा है। अगर अमेरिका की बात करें, तो वहां 70 फीसदी ओपीडी वर्चुअल मोड में कन्वर्ट हो गई हैं। चीन ने दो साल पहले टेलीमेडिसिन को रेग्यूलराइज्ड कर दिया है। इसी तरह भारत को भी काम करना होगा। हालांकि भारत में टेलीमेडिसिन लागू के लिए पूरी तरह से वेस्ट के मॉडल को नहीं अपनाना चाहिए। लेकिन इस सबके बीच डॉक्टरों की कमी एक चिंता की वजह है। दरअसल अगर टेलीमेडिसिन है। लेकिन डॉक्टर नहीं है, तो क्या करेंगे। WHO की गाइडलाइंस के मुताबिक 400 मरीज पर 100 डॉक्टर होने चाहिए। लेकिन भारत में 1400 मरीज पर करीब एक डॉक्टर है। वहीं ग्रामीण स्तर पर डॉक्टर और मरीज का रेश्यो सबसे कम है। ऐसे हमें हेल्थकेयर के बुनियादी ढ़ाचे को मजबूत करने पर जोर देना होगा।

सिद्धार्था शर्मा- कोविड-19 के बाद का नया भारत कैसा होगा?

आयुष अतुल मिश्रा- वैश्विक स्तर पर भारतीय डॉक्टर्स को सबसे अच्छा माना जाता है। कई सारे देश भारत में मरीज को इलाज के लिए भेजते हैं. अगर टेक्नोलॉजी की बात करें, तो टेलिमेडिसिन, टेलीहेल्थ, डिवाइसेस और कनेक्टेड डिवाइस, इंटरऑपरेबल सिस्टम की बात करें, तो इन सभी मामलों में भारत लीडिंग पोजिशन में है। पिछले तीन माह में अथॉरिटी के पास कई सारी डिवाइसेस रजिस्ट्रेशन के लिए आई हैं। नया भारत इनोवोटिव और कनेक्टेड डिवाइस के मामले में आने वाले दिनों में अमेरिका और यूरोपियन मार्केट को पीछे छोड़ देगा।

Jagran HiTech #NayaBharat सीरीज के तहत इंडस्ट्री के लीडर्स और एक्सपर्ट्स ने क्या कहा है, ये जानने के लिए यहां क्लिक करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.