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मोबाइल फोन के पार्ट्स पर 10 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी देगी फोन मेकर्स को झटका

फोन के पार्ट्स पर बढ़ी इम्पोर्ट ड्यूटी, भारतीय हैंडसेट निर्माताओं के लिए बढ़ी मुश्किल

By Sakshi PandyaEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 05:22 PM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 03:00 PM (IST)
मोबाइल फोन के पार्ट्स पर 10 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी देगी फोन मेकर्स को झटका

नई दिल्ली(टेक डेस्क)। मोबाइल फोन के प्रमुख पार्ट्स जैसे की प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स (PCB) पर भारत सरकार की ओर से 10 फीसद का आयात शुल्क लगाए जाने से भारतीय फोन निर्माताओं को बड़ा झटका लगेगा। कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते लावा, माइक्रोमैक्स और इंटेक्स जैसी कंपनियां पहले से ही मार्जिन पर चल रही हैं। ऐसे में अगर उन पर इम्पोर्ट ड्यूटी का बोझ लादा गया तो उनकी हालत और पस्त हो जाएगी।

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क्या हुआ महंगा? PCB, कैमरा मॉड्यूल्स और कनेक्टर्स पर बढ़ी नई ड्यूटी के आधार पर हैंडसेट्स की कीमतों में 6 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। यह उन कंपनियों के लिए है जो PCB इम्पोर्ट करती हैं। इससे डिवाइस को बनाने की कीमत लगभग आधी हो जाती है।

लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन हरी ओम राय ने कहा की- '' हमारे अलावा जो कंपनियां इस बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं उनके लिए यह बड़ी मुश्किल हो सकती है।'' आगे उन्होंने कहा - कंपनी को इस वित्तीय झटके से उभरने की जरुरत होगी। यह परेशानी शार्ट-टर्म होगी। लम्बे समय और भविष्य को देखा जाए तो देश के साथ-साथ हम भी विकास करेंगे।'' लावा ने भारत में PCB की असेम्बलिंग शुरू तो कर दी है लेकिन अभी भी अपने 100 करोड़ के निवेश का पूरा लाभ उठाने के लिए काफी कुछ करने की जरुरत है।

माइक्रोमैक्स के को-फाउंडर राजेश जैन ने कहा- '' बाजार में मौजूद प्रतिस्पर्धा के साथ हमारे लिए कीमतों को एकदम से बढ़ाना आसान नहीं होगा।''

कॉउंटरप्वाइंट टेक्नोलॉजी मार्किट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर तरुन पाठक ने कहा की- ''रुद्रपुर में हमने PCB को स्थानीय तौर पर असेम्बल करना शुरू कर दिया है। लेकिन अधिकतर भारतीय हैंडसेट कंपनियों को इससे काफी नुकसान होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते वो हैंडसेट की कीमतें बढ़ा नहीं सकते।'' तरुन ने कहा-'' शाओमी, वीवो और ओप्पो जैसे चीनी कंपनियों के चलते भारतीय कंपनियों को अपनी कैपेसिटी में इजाफा करना होगा। इससे उन्हें वित्तीय सम्बन्धी दिक्कतें आएंगी।

IDC इण्डिया के रिसर्च डायरेक्टर नवकेंदर सिंह ने कहा की -'' भारतीय वेंडर्स सबसे ज्यादा मार्किट शेयर फीचर फोन्स से निकालते हैं। फीचर फोन तो कीमत के मामले में और पेचीदा है। इससे कंपनियों के लिए कीमतों को बढ़ाना और मुश्किल हो जाता है। इंटेक्स और कार्बन का कहना है की सरकार को इस ड्यूटी से फीचर फोन्स को बाहर रखना था।

इंटेक्स के चीफ फाइनेंशियल अफसर ने कहा- '' फीचर फोन बाजार के निचले स्तर पर माना जाता है। इनकी कीमत में इजाफा करने का दायरा लेटेस्ट ड्यूटी के लिए बहुत ही कम है।''


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