Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ChatGPT की आड़ में मालवेयर इन्स्टॉल करवा रहे साइबर ठग, मेटा ने दी चेतावनी

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Thu, 04 May 2023 08:00 AM (IST)

    फेसबुक वॉट्सऐप इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने एक ब्रीफिंग में चैटजीपीटी जैसे टूल्स को लेकर कई जानकारियां दी हैं। कंपनी ने यूजर्स को आगाह किया है कि नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हैकर्स द्वारा तेजी से किया जा रहा है। (फोटो- जागरण)

    Hero Image
    hackers made people to install malware instead AI like tool, Pic Courtesy- Jagran File

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म की पैरेंट कंपनी मेटा ने जानकारी दी है कि चैटजीपीटी जैसे जेनेरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आड़ में कई यूजर्स को उनके सिस्टम पर मालवेयर से जुड़े कोड इन्स्टॉल करवाए गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कंपनी ने एक महीने की सुरक्षा जांच के दौरान चैटजीपीटी और इस चैटबॉट जैसे एआई टूल्स के नाम पर मालवेयर वाले सॉफ्टवेयर को पाया। कंपनी के मुख्य सूचना अधिकारी Guy Rosen ने चैटजीपीटी और इस जैसे एआई टूल्स से जुड़े कई बड़े खुलासे किए।

    हैकर्स का हथकंडा बनती टेक्नोलॉजी

    मेटा के मुख्य सूचना अधिकारी Guy Rosen ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हैकर्स हमेशा से ही पॉपुलर डेवलपमेंट्स का अपने काम में इस्तेमाल करते रहे हैं।

    किसी भी नई टेक्नोलॉजी का अनोखी खूबियों के साथ आना एक बड़ी संख्या में यूजर्स का ध्यान आकर्षित करता है, ऐसे में हैकर्स के लिए भी पॉपुलर टेक्नोलॉजी हैंकिंग का एक नया रास्ता खोल देती है।

    यूजर्स को फंसाने के लिए ऑरिजनल लगने वाली वेबसाइट और लिंक्स क्रिएट किए जाते हैं, ताकि डेटा चुराया जा सके। Guy Rosen ने कहा कि यह चैटजीपीटी से ही नहीं जुड़ा, क्रिप्टो के क्रेज के बाद भी क्रिप्टो स्कैम से जुड़े कई मामले सामने आये थे।

    ब्लॉक किए मालवेयर से जुड़े हजारों वेब एडरेस

    कंपनी ने बताया कि अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर की सुरक्षा और प्राइवेसी को देखते हुए हजारों की संख्या में वेब एडरेस को खोज कर ब्लॉक किया गया है। ब्लॉक किए गए वेब एडरेस चैटजीपीटी जैसे टूल्स से जुड़े थे। कंपनी ने कहा, यूजर की सुरक्षा के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यूजर को भी पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

    चैटजीपीटी में खूबियां पर खामियों से इनकार नहीं

    बता दें, अमेरिका बेस्ड आर्टिफिशियल स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई ने बीते साल एआई टेक्नोलॉजी पर आधारित चैटबॉट को पेश किया था। यह चैटबॉट चैटजीपीटी के नाम से पहले टेक की दुनिया और देखते ही देखते कुछ ही महीनों में इंटरनेट की दुनिया का सबसे पॉपुलर टर्म बन गया।

    हर यूजर इस चैटबॉट को आजमाने लगा, क्योंकि चैटबॉट को ह्यूमन-लाइक टेक्स्ट जेनेरेट करने की खूबी के साथ लाया गया था। यह यूजर के बहुत से कामों में एक बड़ी मदद करने लगा।

    अपनी खूबियों से सुर्खियां बटोर चुका चैटजीपीटी उस समय एक बड़ी चिंता का विषय बन गया जब इस चैटबॉट के बड़े खतरों में समाज में गलत और अधूर जानकारियां फैलने, साइबर क्रिमिनल द्वारा इसका ठगी के लिए इस्तेमाल करने जैसी बातें शामिल होने लगीं।