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RBI की सख्ती के बाद Google से हटेंगे ये ऐप्स, मोबाइल से फ्रॉड तरीके से कर्ज देने का है आरोप

Google ने कहा कि अब तक कई सारे डिजिटल लेडिंग ऐप्स को Google Play Store से हटाया गया है जिसके खिलाफ शिकायत मिली थी। कंपनी कई सारे ऐप्स का रिव्यू कर रही है। इसके बाद इन ऐप्स पर कार्रवाई की जाएगी।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 05:06 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:35 AM (IST)
RBI की सख्ती के बाद Google से हटेंगे ये ऐप्स, मोबाइल से फ्रॉड तरीके से कर्ज देने का है आरोप
यह Google Play Store की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। दिग्गज टेक कंपनी Google ने आज ऐलान किया है कि उसकी तरफ से Google Play स्टोर से सैकड़ों ऐसे ऐप्स को हटाया जाएगा, जो नियमों का उल्लंघन करके डिजिटल लोन मुहैया कराते हैं। इनमें से कई सारे ऐप्स पर यूजर सेफ्टी गाइडलाइन के उल्लंघन का भी आरोप है। Google ने अपने ब्लॉग में कहा कि हमने डेवलपर्स से इस बारे में जानकारी हासिल की है। साथ ही ऐसे ऐप्स की पहचान की जा रही हैं, जो लोकल लॉ और रेग्यूलेशन का उल्लंघन करके फ्रॉड डिजिटिल लेंडिंग करते हैं। ऐसा करने वाले ऐप्स के खिलाफ बिना नोटिस जारी किये कार्रवाई की जाएगी।

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Google की जांच में तेजी

Google ने कहा कि आम लोगों और सरकारी एजेंसियों की ओर से सबमिट किए गए फ्लैग्स के आधार पर इन ऐप्स को रिव्यू किया गया। इसके बाद इन ऐप्स पर कार्रवाई की जाएगी। कंपनी की तरफ से अब तक कई सारे डिजिटल लेडिंग ऐप्स को Google Play Store से हटाया गया है। Google की तरफ डिजिटल लेडिंग ऐप से लोन के रीपेमेंट, अधिकतम सालाना ब्याज दर के बारे में जानकारी हासिल की है। Google से साफ किया कि उसकी तरफ से ऐसे ऐप को इजाजत दी गई है, जो 60 या उससे ज्याद 60 के लिए लोन देते हैं। 

 RBI ने गठित किया कार्यदल 

बता दें कि RBI ने मोबाइल ऐप से लोन मुहैया कराने के तौर-तरीकों पर नियम बनाने के लिए एक कार्यदल का गठन किया है। RBI के मुताबिक ऑनलाइन कर्ज देने वाले प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप के फर्जीवाड़े की शिकायते मिली हैं, जो कि चिंताजनक है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से देश के कई हिस्सों से मोबाइल एप आधारित लोन देने की गतिविधियों से जुड़ी कई तरह की सूचनाएं सामने आ रही हैं। ये एप आसानी से 5,000 रुपये से 50,000 रुपये तक कर्ज देते हैं, लेकिन इस पर 60 से 100 फीसद तक का ब्याज लेते हैं। साथ ही कर्ज वसूली के नाम पर काफी गलत तरीके से व्यवहार करते हैं। 


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