Facebook ने मानी Apple की ये अहम शर्तें, क्या अब खत्म होगा दोनों का टकराव!
Facebook के विज्ञापन संबंधी बदलाव Apple की अपकमिंग प्राइवेसी अपडेट के अनुकूल होंगे। इससे आने वाले दिनों में विज्ञापन देने वाली कंपनियां Apple यूजर्स का प्राइवेट डेटा कलेक्ट नहीं कर पाएंगी। साथ ही डेटा कलेक्ट करने से पहले इजाजत लेनी होगी।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Apple और Facebook के बीच पिछले लंबे वक्त से शीत युद्ध का दौर जारी है।हालांकि Facebook Inc ने बुधवार को Apple की कुछ शर्ते मान ली हैं, जिससे दोनों कंपनियों के बीच जारी टकराव खत्म हो सकता है। Facebook ने बीते बुधवार को कहा कि वो अपने विज्ञापन टूल में बदलाव करने जा रही है। Facebook के विज्ञापन संबंधी बदलाव Apple की अपकमिंग प्राइवेसी अपडेट के अनुकूल होंगे। इससे आने वाले दिनों में विज्ञापन देने वाली कंपनियां Apple यूजर्स का प्राइवेट डेटा कलेक्ट नहीं कर पाएंगी। साथ ही डेटा कलेक्ट करने से पहले इजाजत लेनी होगी।
यूजर को मिलेगा विज्ञापन को ब्लॉक करने का अधिकार
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी Facebook, Apple के ऐप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी फीचर के साथ काम कर रही है। इसे iPhone के लेटेस्ट सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ अगले हफ्ते पेश किया जा सकता है। यह यूजर्स को अलग-अलग ऐप से आने वाले विज्ञापन को ब्लॉक करने की इजाजत देता है। Apple की तरफ से यूजर्स के डेटा प्राइवेसी राइट को मजबूती देने का ऐलान किया था। लेकिन इसके लिए Apple को Facebook की तरफ से आलोचनाओं का सामाना करना पड़ा था। Apple को खासतौर पर उन ऐप डेवलपर्स और स्टार्टअप की तरफ से विरोध झेलना पड़ा था, जिनका कारोबार पूरी तरह से विज्ञापान ट्रैकिंग पर आधारित है।
ऐप कमीशन फीस का विवाद जारी
Facebook ने बुधवार को कहा कि उसकी तरफ से विज्ञापन टूल में बदलाव करने से टारगेट विज्ञापन को पहुंचाने में दिक्कत होगी। कंपनी ने कहा कि वो प्राइवेसी इन्हैंस टेक्नोलॉजी में निवेश कर रही है, जिससे डेटा कलेक्शन को कम किया जा सके। हालांकि Facebook और Apple के बीच अभी ऐप कमीशन फीस को लेकर विवाद है। iPhone मेकर iOS डिवाइस पर लिस्टेड ऐप से एक फिक्स्ड चार्ज वसूलता है। Facebook इसके खिलाफ है, उसका कहना है कि यह छोटे ऐप डेवलपर्स के लिए नुकसानदेह है।