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लॉन्च होने के 48 घंटे बाद ही GSAT-6A सैटेलाइट से ISRO का संपर्क टूटा, 6 महीने में दूसरी घटना

GSAT-6A का ‘इसरो’ से संपर्क टूट गया है। भारतीय वैज्ञानिकों की तरफ से संपर्क बनाने की कोशिश अभी जारी है।

By Shridhar MishraEdited By: Published: Mon, 02 Apr 2018 11:46 AM (IST)Updated: Mon, 02 Apr 2018 12:49 PM (IST)
लॉन्च होने के 48 घंटे बाद ही GSAT-6A सैटेलाइट से ISRO का संपर्क टूटा, 6 महीने में दूसरी घटना
लॉन्च होने के 48 घंटे बाद ही GSAT-6A सैटेलाइट से ISRO का संपर्क टूटा, 6 महीने में दूसरी घटना

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) ने 29 मार्च, गुरुवार को कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-6A को लॉन्च किया था, लेकिन 48 घंटें के बाद ही इस लॉन्च को लेकर एक बुरी खबर सामने आ रही है। ताजा जानकारी के मुताबिक GSAT-6A का ‘इसरो’ से संपर्क टूट गया है। भारतीय वैज्ञानिकों की तरफ से संपर्क बनाने की कोशिश अभी भी जारी है। इसको लेकर ‘इसरो’ में वैज्ञानिकों के मीटिंग का दौर जारी है। जानकारी के मुताबिक तकनीकी खराबी के कारण GSAT-6A का ‘इसरो’से संपर्क टूट गया है। ‘इसरो’ के नए चेयरमैन ‘के सिवान’ का ये पहला प्रोजेक्ट था, जहां उन्होंने ही सेटेलाइट के अपनी कक्षा में स्थापित होने की जानकारी दी थी।

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क्यों खास था GSAT-6A?

‘इसरो’ का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट GSAT-6A, भारत का अब तक का सबसे बड़ा कम्युनिकेशन सैटेलाइट माना जा रहा था। सैटेलाइट में मिलिट्री एप्लीकेशन लगाए गए थे। भारतीय सेना की जरूरतों को देखते हुए इस सैटेलाइट को लॉन्च किया गया था। इसमें मिलिट्री एप्लीकेशन शामिल किए गए थे, जिसकी मदद से सेना के लिए संचार की सुविधाओं को मजबूत बनाने की कोशिश की गई थी। GSAT-6A का ‘इसरो’ से संपर्क टूटने के बाद इसे वैज्ञानिकों और भारतीय सेना के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

ISRO का बयान

‘इसरो’ की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि,‘सैटेलाइट की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद 1 अप्रैल 2018 को जब सैटेलाइट सामान्य ऑपरेटिंग प्रक्रिया में था, इसी दौरान अचानक से इसका संपर्क टूट गया।’

GSAT-6A की लागत और खासियत

GSAT-6A एक कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। सैटेलाइट का वजन 2,140 किलोग्राम है और इसे तैयार करने में 270 करोड़ की लागत आई है। सैटेलाइट एक हाई पावर एस-बैंड संचार उपग्रह है। सैटेलाइट को मुख्य तौर पर सेना की मदद के लिए बनाया गया था। इसके अलावा इसे दूर के इलाकों जैसे गांव या जंगलों में मोबाइल कम्युनिकेशन को मजबूत करने के लिए लॉन्च किया गया था।

क्या है ताजा जानकारी?

GSAT-6A सैटेलाइट को लेकर आखिरी बुलेटिन 30 मार्च की सुबह 9.22 बजे जारी किया गया था। वैज्ञानिक सैटेलाइट में आई तकनीकी खराबी को दूर करने में लगे हैं। हालांकि ‘इसरो’ की तरफ से अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है कि सैटेलाइट में आई खराबी को सही किया जा सकता है या नहीं।

6 महीने में दूसरे घटना

GSAT-6A सैटेलाइट के संपर्क खोने से पहले 31 अगस्त 2017 को PSLV से IRNSS 1H उपग्रह की लॉन्चिंग असफल हो गई थी।

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